इस्लमाबाद : आतंकवाद पर दोहरी नीति अख्तियार कर रहे पाकिस्तान की पोल उसके पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा मुहम्मद अली दुर्रानी ही खोल रहे हैं. उन्होंने माना कि मुंबई में 26/11 को आतंकवादी हमलों में में पाकिस्तान में बैठे आतंकी समूहों का हाथ था. दुर्रानी ने इसे सीमा पार आतंकवाद का अनोखा मामला बताया है. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी माना है कि आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफीज सईद पर पाकिस्तान को कार्रवाई करनी चाहिए.
26/11 Mumbai attack carried out by a terror group based in Pakistan is classic trans-border terrorist event: Mahmud Ali Durrani, Ex Pak NSA pic.twitter.com/5Z2DyUH9Uk
— ANI (@ANI) March 6, 2017
दरअसल, मुहम्मद अली दुर्रानी मुंबई में 26/11 को हुए आतंकी हमले के समय पाकिस्तान में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर कार्यरत थे. पहली बार उन्होंने टीवी चैनल पर इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि अजमल कसाब पाकिस्तानी था. बता दें कि जब उन्होंने कसाब के पाकिस्तानी होने की बात कही थी, तो तुरंत पाकिस्तान ने दुर्रानी को पद से हटा दिया था.
इससे पहले भी अपने बयानों को लेकर दुर्रानी चर्चा में रहे हैं. सेना से जुड़े होने के बावजूद उन्हें राजनयिक सेवा में भेज दिया गया. दुर्रानी पूर्व तानाशाह जिया-उल-हक के सेना सचिव भी रह चुके हैं. इसके पहले वह अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत के तौर पर भी काम कर चुके हैं. बाद में हवाई दुर्घटना में जिया-उल-हक की मौत के मामले में उन्हें संदिग्धों की सूची में रखा गया.