मोदी अघोषित तौर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के दावेदार : मायावती
लखनऊ : बसपा मुखिया मायावती ने नरेंद्र मोदी सरकार पर आज जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, गंगा नदी की सफाई के नाम पर अरबों रुपये की फिजूलखर्ची की पोल खुलने और अपनी मनमानी कार्यप्रणाली पर रोक लगने की आशंका की वजह से ही मोदी लोकपाल संस्था का गठन नहीं कर रहे हैं. मायावती ने यहां […]
लखनऊ : बसपा मुखिया मायावती ने नरेंद्र मोदी सरकार पर आज जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, गंगा नदी की सफाई के नाम पर अरबों रुपये की फिजूलखर्ची की पोल खुलने और अपनी मनमानी कार्यप्रणाली पर रोक लगने की आशंका की वजह से ही मोदी लोकपाल संस्था का गठन नहीं कर रहे हैं.
मायावती ने यहां प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी हर रैली में बता रहे हैं कि सरकारी बाबुओं ने देश को बहुत लूटा है लेकिन वह लोकपाल संस्था बनाने की हिम्मत नहीं जुटा पाये हैं, क्योंकि उन्हें मालूम है कि लोकपाल का पहला शिकार खुद उनकी सरकार बन सकती है और उनकी मनमानी कार्यप्रणाली का अंत हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि मोदी ने गुजरात में अपने मुख्यमंत्रित्वकाल के दौरान वहां लोकायुक्त की नियुक्ति कभी नहीं होने दी. कांग्रेस सरकारों की तरह ही मोदी सरकार ने भी गंगा की सफाई के नाम पर अरबों रपये खर्च कर दिये हैं. सवाल यह है कि इस मद में होने वाले अपव्यय की जांच कौन करेगा.
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि मोदी और उनके ‘चेले’ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपने राजनीतिक भविष्य को भी खतरे में देखकर इस चुनाव को साम्प्रदायिक और धार्मिक रुप देने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी. प्रधानमंत्री वाराणसी में कई दिन रोडशो करते रहे. मोदी तो तमाम लोकतांत्रिक परम्पराओं को ताक पर रखकर राजनीतिक रुप से ऐसे सक्रिय रहे, जैसे वह अघोषित तौर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के दावेदार हों.
मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी देश और उत्तर प्रदेश की बात तो बहुत दूर, अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी की जनता से किये गये अपने चुनावी वादों को भी अभी तक पूरा नहीं कर पाये हैं. उनकी वादाखिलाफी का नतीजा है कि जनता ने उन्हें गलियों की धूल चाटने को मजबूर कर दिया है.
मायावती ने कहा कि भाजपा ने प्रदेश विधानसभा चुनाव में बूचडखानों को चुनावी मुद्दा बनाकर चुनाव को धार्मिक रंग देने की कोशिश की. सचाई यह है कि भाजपा शासित राज्यों, महाराष्ट्र हरियाणा और मध्यप्रदेश में ऐसे कत्लखाने ना सिर्फ चल रहे हैं, बल्कि उन्हें चलाने वालों में भाजपा के लोग भी शामिल हैं. अगर उसे इतनी ही फिक्र है तो कत्लखाने बंद करने के लिये उसने अब तक कोई राष्ट्रीय कानून क्यों नहीं बनाया.
उन्होंने कहा कि मोदी कहते हैं कि वह गरीब विरोधी नहीं हैं, लेकिन उनकी सरकार का चाल चरित्र और चेहरा धन्नासेठों का ही हितकारी रहा है. मोदी यह भी कहते हैं कि इन्होंने खुद गरीबी का कष्ट सहन किया है. यदि वास्तव में ऐसा ही है तो उन्होंने नोटबंदी का अपरिपक्व फैसला लेकर देश के कराडों लोगों को बेरोजगार और कंगाल क्यों बना दिया.
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में सपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल में काम कम और अपराध ज्यादा बोलता है. जनता इन चुनाव में उसे इसकी भी सजा देगी. सपा के लोगों ने भाजपा का झूठा खाया हुआ है. सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के परिवार में शादी समारोह में उन्होंने प्रधानमंत्री और उनके लोगों को सैफई बुलाया. सपा और भाजपा आपस में मिले हुए हैं.
मायावती ने दावा किया कि प्रदेश में बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी. भाजपा और सपा-कांग्रेस गठबंधन इस चुनाव में केवल दूसरे-तीसरे नम्बर की लड़ाई लड़ रहे हैं. भाजपा को मालूम है कि बसपा ही प्रदेश की सत्ता में आ रही है, इसलिये उसने चुनाव के बीच में ही पूरे देश में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत बढ़ाने से परहेज नहीं किया.