काबुल : काबुल स्थित अफगानिस्तान के सबसे बड़े सैन्य अस्पताल पर आज आतंकवादी हमले में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए. इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुड़े एक संगठन ने सरदार मोहम्मद दाउद खान अस्पताल में किये गये हमले की जिम्मेदारी ली है.
इस हमले के बाद शुरू हुई झड़प कई घंटे तक चली. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जनरल दौलत वजीरी ने बताया कि राजधानी के वजीर अकबर खान इलाके के दो असैन्य अस्पतालों के निकट स्थित इस सैन्य अस्पताल पर हमले में ‘‘30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा घायल हो गए.”
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जनरल दौलत वजीरी ने बताया कि कई बंदूकधारी सरदार मोहम्मद दाउद खान अस्पताल में घुस गए. 400 शैया वाला यह सैन्य अस्पताल राजधानी के वजीर अकबर खान इलाके के दो असैन्य अस्पतालों के निकट स्थित है.
यह हमला ऐसे समय में किया गया है जब गर्मियों में तालिबान के हमले शुरू होने से पहले ही उसके आतंकवादियों के हमले बढ़ गये हैं. वजीरी ने बताया कि अफगान बलों ने इमारत की हर मंजिल पर हमलावरों के साथ जंग की और अभी उसकी छठी और आठवीं मंजिल से हमलावरों को हटा रहे हैं.
रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि एक फिदाई हमलावर ने खुद को विस्फोट से उड़ा दिया जबकि एक अन्य हमलावर को सुरक्षा कर्मियों ने ढेर कर दिया. इस संघर्ष में एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई है जबकि तीन अन्य घायल हो गए. सुरक्षा बलों ने सैन्य अस्पताल की घेरेबंदी कर दी है जबकि अफगान सरकार के हेलीकाप्टर इलाके के उपर चक्कर लगा रहे हैं. इस बीच, इस्लामिक स्टेट समूह ने सैन्य अस्पताल पर हमले की जिम्मेदारी ली और दावा किया कि इस हमले के पीछे उसके लड़ाके हैं.
समूह ने एक प्रामाणिक टेलीग्राम खाते के मार्फत अपने वक्तव्य में कहा, ‘‘इस्लामिक स्टेट के घुसपैठियों ने काबुल के सैन्य अस्पताल पर हमला किया.’ आतंकवादी हमले के चश्मदीद एक अस्पताल कर्मी अब्दुल कादिर ने बताया कि डाक्टरों की तरह का सफेद कोट पहने एक हमलावर ने उसपर और उसके सहयोगियों पर गोलियां चलाई. वह जिस ऑपरेशन थियेटर में काम करता है, हमले के वक्त वहां सात मरीजों के आपरेशन की तैयारी चल रही थी.
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में इस हमले की निंदा की और इसे ‘‘सभी अफगान पुरुषों और सभी अफगान महिलाओं’ पर हमला बताया. इससे पहले समाचार एजेंसी एएफपी ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि हमला शुरू होने के करीब दो घंटे बाद अस्पताल में फंसे चिकित्साकर्मियों ने सोशल मीडिया पर मदद मांगी.
अस्पताल के एक कर्मचारी ने फेसबुक पर लिखा, ‘‘हमलावर अस्पताल के अंदर हैं. हमारे लिये दुआ कीजिये.’ अस्पताल प्रशासकों ने एएफपी को बताया कि विस्फोट के बाद चिकित्सकों के सफेद कोट पहने तीन बंदूकधारी अस्पताल में घुस आये जिससे वहां अफरातफरी मच गयी.
अस्पताल प्रशासक अब्दुल हाकिम ने एएफपी को टेलीफोन पर जल्दबाजी में बताया, ‘‘हमलावर हर जगह गोलियां चला रहे हैं. हम स्थिति को नियंत्रण में करने की कोशिश कर रहे हैं.’ जब अफगान विशेष बल हमलावरों को काबू में करने की कोशिश कर रहे थे तो कम से कम दो अन्य तेज धमाकों की आवाज सुनी गयी.
अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘यह एक आपराधिक कृत्य है. अस्पतालों पर हमले को किसी भी तरह न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता. हम इन अपराधियों को कभी माफ नहीं करेंगे. दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से इस हमले में कुछ लोग मारे गये. चिकित्सकों के भेष में हमलावरों ने पीछे के गेट से प्रवेश किया.’ तालिबान के साथ शांति वार्ता नाकाम होने के कारण गर्मियों के मौसम में तेज होने वाले हमलों से निपटने के लिए देश अपने आप को तैयार कर रहा है.
अफगानिस्तान ने गत महीने अमेरिकी जनरल जॉन निकोलसन की उस मांग का समर्थन किया था जिसमें उन्होंने गर्मियों में आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए अफगानिस्तान में गठबंधन सेना के हजारों अतिरिक्त सैनिकों को तैनात करने के लिए कहा था. पेंटागन ने इस वर्ष कहा था कि वह गर्मियों में अकेले हेलमंद प्रांत में ही करीब 300 अमेरिकी नौसैनिकों को तैनात करेगा.