संयुक्त राष्ट्र : कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव कम करने के उद्देश्य से दिये गये चीन के प्रस्ताव को अमेरिका ने ठुकरा दिया है. अमेरिका ने कहा है कि उत्तर कोरिया को उसके परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए राजी करने की पिछली सभी कोशिशें नाकाम हो चुकी हैं और अब ‘दूसरे तरीके’ तलाशने की जरूरत है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय के कार्यवाहक प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच के रक्षा सहयोग की तुलना उत्तर कोरिया द्वारा अंतरराष्ट्रीय नियमों के प्रति दिखायी गयी ‘मुखर अवज्ञा’ से नहीं की जा सकती.
टोनर ने कहा कि प्योंगयांग का व्यवहार विवेकपूर्ण नहीं रहा है. दुनिया को यह समझने की जरूरत है कि उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम सिर्फ अमेरिका और उत्तर कोरिया के बारे में नहीं है. हर देश को सोचना चाहिए कि हम बेहतर ढंग से कैसे प्रतिक्रिया दे सकते हैं. टोनर ने कहा कि उत्तर कोरिया को अर्थपूर्ण बातचीत के लिए राजी करने की दिशा में अब तक किये गये छह पक्षों के साथ बातचीत या फिर प्रतिबंध के सभी तरह के प्रयास नाकाम हुए हैं. इसलिए हमें उन्हें राजी करने के लिए नये तरीके तलाशने होंगे. हमें उन्हें मनाना होगा कि यह उनके भी हित में है.
चीन ने उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच सीधे टकराव से बचने के लिए बुधवार को दिये एक प्रस्ताव में कहा था कि उत्तर कोरिया अपना परमाणु कार्यक्रम निलंबित करे. इसके बदले में अमेरिका और दक्षिण कोरिया तनाव का शिकार बने हुए प्रायद्वीप पर संयुक्त सैन्य अभ्यास पर रोक लगाएं. टोनर ने कहा कि चीन उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम से क्षेत्र की सुरक्षा पर उपजे संकट को लेकर वास्तविक रूप से चिंतित है.
उन्होंने कहा कि यह तर्कसंगत है. हम सभी उत्तर कोरिया की हरकतों से चिंतित हैं, लेकिन हमारे नजरिये अलग-अलग हैं. टोनर ने कहा कि अमेरिका उत्तर कोरिया से बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन इस बात की जिम्मेदारी उत्तर कोरिया पर है कि वह धर्म निरपेक्षता की दिशा में अर्थपूर्ण कदम उठाये और उकसावे से बचे. व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने कहा कि अमेरिका और चीन इस खतरे से निपटने के लिए साथ काम कर सकते हैं.