चीन ने गिलगित बाल्तिस्तान पर पाकिस्तान की योजना पर चुप्पी साधी
बीजिंग : चीन ने गिलगित-बाल्तिस्तान क्षेत्र को अपना पांचवा प्रांत बनाने की पाकिस्तान की योजना पर आज कोई भी सीधा जवाब देने से इनकार कर दिया और कहा कि कश्मीर मुद्दे का समाधान भारत एवं पाकिस्तान के बीच वार्ता के माध्यम से होना चाहिए. जब पाकिस्तान की योजना के बारे में पूछा गया तो चीन […]
बीजिंग : चीन ने गिलगित-बाल्तिस्तान क्षेत्र को अपना पांचवा प्रांत बनाने की पाकिस्तान की योजना पर आज कोई भी सीधा जवाब देने से इनकार कर दिया और कहा कि कश्मीर मुद्दे का समाधान भारत एवं पाकिस्तान के बीच वार्ता के माध्यम से होना चाहिए. जब पाकिस्तान की योजना के बारे में पूछा गया तो चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, आपके प्रश्न का सार कश्मीर मुद्दे के बारे में है. इस मुद्दे पर चीन की स्थिति निरंतर एवं स्पष्ट है.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि हमारा मानना है कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच इतिहास से छूट गया मुद्दा है. इसका समाधान दोनों देशों के बीच उपयुक्त ढंग से वार्ता के माध्यम से होना चाहिए. गिलगित बाल्तिस्तान क्षेत्र से गुजरने वाली 46 अरब डालर की चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) जिस पर भारत ने चीन के सामने विरोध दर्ज कराया है, के बारे में हुआ ने कहा, सीपीईसी प्रासंगिक (कश्मीर) मुद्दे पर चीन का रुख नहीं प्रभावित करेगा.
पाकिस्तान से आने वाली खबरों के अनुसार इन दोनों क्षेत्रों की कानूनी स्थिति को लेकर चीन के दबाव के बाद गिलगित बाल्तिस्तान को नये प्रांत के रुप में शामिल करने का फैसला किया गया. ये दोनों ही चेत्र सीपीईसी के हिस्से हैं. भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की सीमा पर स्थित गिलगित बाल्तिस्तान क्षेत्र को पांचवां प्रांत बनाने की उसकी किसी भी संभावित कोशिश को कल पूरी तरह अस्वीकार्य करार दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने नई दिल्ली में कहा कि ऐसा कोई भी कदम जम्मू कश्मीर के हिस्सों पर पाकिस्तान के कब्जे की अवैधता को नहीं ढक पाएगा और उसे इन क्षेत्रों को अवश्य ही अविलंब खाली करना चाहिए.