वरीय संवाददाता, धनबाद
नीरज सिंह के अंगरक्षक मुन्ना तिवारी की दिसंबर में शादी होने वाली थी, मुन्ना भी अब अपने घर मिर्जापुर जाकर सेटल होना चाहते थे. परिवार वालों से मुन्ना ने कहा था कि धनबाद अब छोड़ दूंगा. इस बार होली के बाद बैग पैक करके आ जाऊंगा. कहते-कहते मुन्ना के पिता आरएस तिवारी व चाचा मिर्जापुर के पार्षद वीरेंद्र तिवारी फफक पड़ते हैं. पोस्टमार्टम हाउस के बाद मुन्ना के पिता, चाचा व अन्य संबंधी पहुंचे थे. चाचा वीरेंद्र ने बताया कि मुन्ना दो बहनों व दो भाइयों में सबसे छोटा था. बड़े भाई की मिर्जापुर में वीडियोग्राफी की दुकान है. दो बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है. पिता आरएस तिवारी मिर्जापुर होमगार्ड में बड़ा बाबू हैं. घर का सबसे छोटा होने के कारण प्यार से उसे सब मुन्ना बुलाते थे. पिता से उनका गहरा लगाव था. मुन्ना तिवारी के एक चाचा व सेना के जवान जीतेंद्र तिवारी कारगिल की लड़ाई लड़ चुके हैं.
पिंटू ने करायी थी नीरज सिंह से पहचान
मुन्ना कई वर्षों से नीरज सिंह का बतौर अंगरक्षक था. परिजनों ने बताया कि नीरज सिंह से संपर्क पिंटू नामक करीबी ने कराया था. पिंटू पहले रघुकुल में ही काम रहता था. कई बार मुन्ना ने धनबाद छोड़कर घर लौटने की इच्छा जतायी थी. एक बार घर आया था, तब वह धनबाद नहीं आना चाहता था, लेकिन बाद में वह आ गया. हर बार यही कहता था कि अबकी बार धनबाद से लौट आऊंगा.
टीवी पर समाचार देखा तो होश उड़ गये
तिवारी ने बताया कि बुधवार की रात साढ़े आठ बजे के करीब टीवी पर धनबाद में हमले की सूचना मिली. नीरज सिंह व उसके अंगरक्षक पर हमले की खबर से घर में सभी परिजनों ने होश उड़ गये. सभी बदहवास हो गये. मुंबई से भी एक परिवार वाले ने फोन किया. इसके बाद धनबाद से भी घटना को लेकर फोन आया. इसके बाद रात 10.30 बजे सभी मिर्जापुर से निजी वाहन से धनबाद के लिए निकले, सुबह चार बजे सभी धनबाद पहुंचे.