VIDEO : पाकिस्‍तानी पीएम नवाज शरीफ के सामने गायत्री मंत्र गाकर चर्चित हुई नरोधा मालनी

नयी दिल्‍ली : होली के अवसर पर पाकिस्‍तान की धरती पर पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सामने गायत्री मंत्र गाने वाली पाकिस्‍तानी गायिका नरोधा मालनी अब चर्चित चेहरों में सुमार हो गयी हैं. बीबीसी को दिये एक इंटरव्‍यू में उन्‍होंने कहा कि सिंध की धरती, सूफियों की धरती है संतों की धरती है. मैं अपनी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 23, 2017 11:00 PM

नयी दिल्‍ली : होली के अवसर पर पाकिस्‍तान की धरती पर पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सामने गायत्री मंत्र गाने वाली पाकिस्‍तानी गायिका नरोधा मालनी अब चर्चित चेहरों में सुमार हो गयी हैं. बीबीसी को दिये एक इंटरव्‍यू में उन्‍होंने कहा कि सिंध की धरती, सूफियों की धरती है संतों की धरती है. मैं अपनी धरती से बहुत प्‍यार करती हूं. आई लव पाकिस्‍तान. हिंदुस्‍तान और पाकिस्‍तान को संगीत पर मिलकर काम करना चाहिए.

बीबीसी के साथ इंटरव्‍यू में उन्‍होंने हिंदी फिल्म ‘वो कौन थी’ का गाना – लग जा गले की फिर वो हशीं रात हो ना हो, गाया. होली मिलन समारोह में नवाज शरीफ की मौजूदगी में गायत्री मंत्र गाने वाली इस पाकिस्‍तानी गायिका की जमकर तारीफ हो रही है. वहीं दूसरी ओर गायत्री मंत्र सुनने के लिए पीएम नवाज शरीफ पर कट्टरपंथियों ने फतवा तक जारी कर दिया है. नरोधा इन दिनों छत्तीसगढ़ के रायपुर में स्थित सिंधी समाज के तीर्थस्थल शदाणी दरबार के एक आयोजन में भाग लेने के लिये भारत आयी हुई हैं.

नरोधा का कहना है कि वह पाकिस्‍तान की पहली हिंदी गायिका हैं. बीबीसी को दिये इंटरव्‍यू में पाकिस्तानी आर्ट्स काउंसिल की सदस्य नरोधा कहती हैं, ‘हर साल हम पाकिस्तान में धूमधाम से होली मनाते हैं. इस बार भी कराची में होली पर वह आयोजन था, जिसमें प्रधानमंत्री उपस्थित थे. जब मैंने गायत्री मंत्र का गायन किया तो उन्होंने तालियां बजा कर मेरी हौसलाफजाई की. वे बेहद खुश नजर आ रहे थे.’

नरोधा का कहना हैं, ‘पाकिस्तान और हिंदुस्तान के कलाकारों को आपस में और अधिक मिलजुल कर काम करने की ज़रूरत है. एक दूसरे के साथ संगीत में कई प्रयोग किए जा सकते हैं, जो बेमिसाल साबित होंगे.’ विज्ञान विषय से ग्रैजुएशन कर रही नरोधा पाकिस्तानी गायिका नूरजहां, बांग्लादेश की गायिका रूना लैला और लता मंगेशकर को अपना आदर्श मानती हैं. नरोधा का कहना है कि नई पीढ़ी अगर अपनी परंपरा को पहचाने तो पूरी दुनिया में एशिया के संगीत का बोलबाला हो सकता है.

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