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नफरत : सिख लड़की पर चीखा श्वेत व्यक्ति तुम अमेरिका की नहीं, लौट जाओ
न्यू यॉर्क: अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों के साथ नस्लीय दुर्व्यवहार का मामला बढ़ता ही जा रहा है. ताजा मामला भारतीय मूल की सिख लड़की राजप्रीत पर हमले का है. ट्रेन में सफर कर रही इस लड़की पर एक श्वेत व्यक्ति ने हमला कर दिया. चिल्लाते हुए बोला कि ‘लेबनान वापस जाओ. तुम्हारा हमारे […]
न्यू यॉर्क: अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों के साथ नस्लीय दुर्व्यवहार का मामला बढ़ता ही जा रहा है. ताजा मामला भारतीय मूल की सिख लड़की राजप्रीत पर हमले का है. ट्रेन में सफर कर रही इस लड़की पर एक श्वेत व्यक्ति ने हमला कर दिया. चिल्लाते हुए बोला कि ‘लेबनान वापस जाओ. तुम्हारा हमारे देश से नाता नहीं है. तुम इस देश की नहीं हो.’ आरोपी को लगा कि राजप्रीत मध्यपूर्व एशिया का रहनेवाली हैं. न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, राजप्रीत अपनी एक दोस्त की बर्थ डे पार्टी में शिरकत करने के लिए सब-वे ट्रेन से जा रही थीं.
इसी दौरान ट्रेन के अंदर एक अमेरिकी श्वेत नागरिक उन पर चिल्लाने लगा. राजप्रीत ने अपने साथ हुए इस घटना का वीडियो अखबार के ‘दिस वीक इन हेट’ सेक्शन में अपलोड किया है. न्यू यॉर्क टाइम्स का यह सेक्शन राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा सत्ता में आने के बाद से अमेरिका में बढ़ रहे नस्लीय भेदभाव व नफरत के मामलों को उजागर करता है.
अपशब्द कहे, मदद को आगे आये सह यात्री : राजप्रीत के मुताबिक, ट्रेन में सफर के दौरान वह अपने फोन में व्यस्त थीं. इसी वक्त एक श्वेत शख्स चीखते हुए आया. उसने कहा कि क्या तुम जानती भी हो कि मरीन कैसे दिखते हैं? क्या तुम्हें अंदाजा भी है कि उन्हें क्या कुछ देखना पड़ता है? वे इस देश के लिए क्या करते हैं? ये सब तुम जैसे लोगों की वजह से होता है.’ इसके बाद उसने राजप्रीत से कहा कि उम्मीद है वह वापस लेबनान लौट जायेगी. उसने अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया.
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इधर, यूएस ने 271 अवैध प्रवासियों की सूची सौंपी, भारत का लेने से इनकार
नयी दिल्ली. ट्रंप प्रशासन ने भारत को 271 लोगों की एक सूची दी और दावा किया है कि वे अवैध प्रवासी हैं. इस बीच सरकार ने शनिवार को अमेरिका से कहा कि वह उन 271 अवैध प्रवासियों के बारे में जानकारी मुहैया कराये जिन्हें वह चाहता है कि भारत वापस ले. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि हमने उसके बारे में जानकारी मांगी है. शुक्रवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में कहा था हमने यह सूची स्वीकार नहीं की है एवं अधिक जानकारी मांगी है. गौरतलब है कि ट्रंप ने अवैध रूप से रह रहे लोगों को देश से निकालने की बात चुनाव के दौरान कही थी.
आखिर सच साबित हुआ डर
राजप्रीत ने कहा कि यह वाकया मेरे उस डर की पुष्टि करता है, जिसे मैं लंबे समय से महसूस कर रही थी. यह ऐसी नस्लीय नफरत है, जो हिंसा में बदल सकती है. हालांकि, अच्छी बात यह है कि राजप्रीत के साथ हुए इस दुर्व्यवहार को बाकी यात्रियों ने खड़े होकर नहीं देखा, बल्कि मदद के लिए आगे आये.
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