सिमडेगा : सामटोली स्थित संत अन्ना महागिरजा घर परिसर में प्रथम परम प्रसाद ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर समारोही मिस्सा बलिदान का भी आयोजन किया गया. मिस्सा बलिदान में मुख्य अनुष्ठाता के रूप में फादर वीजी सह पल्ली पुरोहित पीटर पौल सोरेंग उपस्थित थे.
फादर सोरेंग 85 बच्चों को धर्म विधि से प्रथम परम प्रसाद ग्रहण कराया. फादर सोरेंग ने अपने प्रवचन में कहा कि प्रथम पर प्रसाद के रूप में ईश्वर को ग्रहण करते हैं. परम प्रसाद यीशु ग्रीस्त का जीवंत प्रतीक है. जब हम परम प्रसाद को ग्रहण करते हैं तो यीशु ख्रीस्त हमारे जीवन में प्रवेश करते हैं.
इसी के साथ हमारा जीवन ईश्वर का वास बन जाता है. उन्होंने कहा कि ईश्वर अपने आप को अनेक रूपों में प्रकट करते हैं.फादर सोरेंग ने कहा कि परमप्रसाद ग्रहण करने से जीवन में नयापन आता है. हमारा जीवन शुद्ध व पवित्र हो जाता है तथा पाप व बुराई से दूर रहने की प्रेरणा मिलती है.
फादर सोरेंग ने कहा कि बच्चे आदर्श ख्रिस्तीय जीवन व्यतीत कर दूसरों के लिए प्रेरणा बन सकते हैं. मिस्सा बलिदान में फादर सोरेंग का सहयोग फादर अंथ्रेस सोरेंग, फादर जोसेफ टेटे ने किया.
मिस्सा गीत संचालन कैथोलिक एंप्लोइज संघ के सदस्यों ने किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से फादर अमित बाड़ा, फादर बेंजामिन केरकेट्टा, सिस्टर मधु, ब्रदर अनसेलम लुगून, ब्रदर बेंजामिन मिंज,ब्रदर अलबिनुस केरकेट्टा, सिस्टर सरोज, प्रचारक दोमनिक तिर्की के अलावा अन्य लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.