जानवरों के अस्पताल में बिल्ला बना नर्स

रॉन एक बिल्ला है. एक दिन वह कोलोराडो की सड़कों पर भटक रहा था. रॉन की जान बचाने के लिए उसे नार्थफील्ड वेटेनरी अस्पताल लाया गया. शुरुआत में रॉन अस्पताल में डरा – सहमा रहता था. किसी अजनबी को देखकर छुप जाता था. लेकिन, कुछ समय बाद ही अस्पताल के कर्मियों को पता चला कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 9, 2017 10:20 AM

रॉन एक बिल्ला है. एक दिन वह कोलोराडो की सड़कों पर भटक रहा था. रॉन की जान बचाने के लिए उसे नार्थफील्ड वेटेनरी अस्पताल लाया गया. शुरुआत में रॉन अस्पताल में डरा – सहमा रहता था. किसी अजनबी को देखकर छुप जाता था. लेकिन, कुछ समय बाद ही अस्पताल के कर्मियों को पता चला कि रॉन सिर्फ मिलनसार ही नहीं है, बल्कि दूसरों का ख्याल रखने वाला भी है.

अस्पताल में आनेवाले नये जानवरों से वह बिना झिझक के मिलता. रॉन के हावभाव देखकर ऐसा लगता है, मानो वह अस्पताल के नये मेहमान को बताना चाहता है – डरो मत, सब कुछ ठीक हो जायेगा. अस्पताल के को-ऑनर और वेटनरी डॉक्टर शेली संडल ने बताया कि रॉन बिना डर के किसी भी बिल्ली या कुत्ते के पास पहुंच जाता. उनके पिंजड़े में घुसने की कोशिश करता. दांत के इलाज के लिए जब भी किसी को एनेस्थीसिया दिया जाता है, तब रॉन उसे सहलाकर आराम पहुंचाने की कोशिश करता.

जब जानवर सोये रहते हैं, उस समय रॉन उनके उलझे बालों को सुलझाकर सजाने की भी कोशिश करता. शैली के अनुसार रॉन अस्पताल तीन महीने तक रहा. इस दौरान वह एक कर्मचारी की तरह काम करता था. अस्पताल का राउंड लगाता था.

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