नयी दिल्ली / इस्लामाबाद : पाक सरकार द्वारा कुलभूषण जाधव को मौत की सजा पर भारत ने सख्त ऐतराज जताया है. भारत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारतीय नागरिक के खिलाफ मौत की सजा न्याय के मानदंडों की स्पष्ट अनदेखी है. अगर भारत के विरोध के बाद भी सजा बरकरार रहती है तो इसे पूर्व नियोजित हत्या का मामला माना जायेगा
विदेश सचिव एस जयशंकर ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्धुल बासित को तलब कर उन्हें विरोध पत्र सौंपा है. इस पत्र में कहा गया है कि पिछले साल ईरान से जाधव का अपहरण किया गया था और इस संबंध में पाकिस्तान ने कभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं दी. भारत सरकार नेअपने उच्चायोग के माध्यम से राजनियक पहुंच देने की मांग की लेकिन पाकिस्तान ने इस पर कोई गंभीरता नहीं दिखायी. अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर लगभग 13 बार अनुरोध किये गये .
पाकिस्तान ने जाधव पर की गयी कार्रवाई को गलत बताते हुए कहा सबूत के अभाव में ऐसा फैसला उपहास है. जाधव को अपना बचाव करने का भी उचित मौका नहीं मिला हालांकि उसे एक बचाव अधिकारी दिया गया था लेकिन भारत के अनुरोध और उसे सूचित किये गये बगैर जाधव पर लिया गया फैसला न्याय नहीं है. गौरतलब है कि पूर्व भारतीय नौ सेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में मौत की सजा दी गयी है. पाकिस्तानी अखबार डॉन के हवाले से यह खबर आ रही है. पाकिस्तान में उस पर भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ में काम करने का आरोप लगाया है. 3 मार्च 2016 को उसे गिऱफ्तार किया गया था. पाकिस्तान के शक्तिशाली सेना प्रमुख ने आज कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव को सैन्य अदालत द्वारा दोषी पाये जाने के बाद उसकी मौत की सजा को मंजूरी दे दी। सैन्य अदालत ने जाधव को देश के खिलाफ ‘‘जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल’ होने का दोषी पाया था.
इस कदम से पहले से ही तनावपूर्ण भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में और कडवाहट आ सकती है. पाकिस्तानी सेना की सैन्य इकाई इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस श्आ(ईएसपीआर) ने कहा कि फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल (एफजीसीएम) द्वारा ‘सभी आरोपों में’ दोषी पाये जाने पर 46 वर्षीय जाधव की मौत की सजा पर सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने मुहर लगा दी.
इसमें कहा गया, जासूस पर पाकिस्तानी सैन्य कानून के फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल के जरिये मुकदमा चला और उसे मौत की सजा सुनायी गयी।’ इसमें आगे कहा गया कि जाधव को सभी आरोपों में दोषी’ पाया गया. आईएसपीआर के बयान के मुताबिक भारतीय नौसेना के कमांडर जाधव ने मजिस्ट्रेट और अदालत के सामने यह स्वीकार’ किया कि उसे ‘‘रॉ ने पाकिस्तान को अस्थिर करने और जंग छेडने के उद्देश्य से जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों की योजना बनाने और समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। उसका काम बलूचिस्तान और कराची में कानून का पालन करवाने वाली एजेंसियों के शांति बहाली के प्रयासों को बाधित करना था