अब भी बहुत वक्त है संभल कर रखें कदम

।। दक्षा वैदकर।। इनक्रीमेंट, प्रोमोशन का वक्त करीब आ रहा है. वक्त है कि आप संभल जाएं. अगर आपने बीते दिनों में अच्छा काम किया है, तो उसे जारी रखें और अगर आपने ज्यादा छुट्टियां ली हैं, काम में गलतियां की हैं, तो संभल जाएं. इन सब के बावजूद अगर आपका प्रोमोशन न हो या […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 12, 2014 1:59 AM

।। दक्षा वैदकर।।

इनक्रीमेंट, प्रोमोशन का वक्त करीब आ रहा है. वक्त है कि आप संभल जाएं. अगर आपने बीते दिनों में अच्छा काम किया है, तो उसे जारी रखें और अगर आपने ज्यादा छुट्टियां ली हैं, काम में गलतियां की हैं, तो संभल जाएं. इन सब के बावजूद अगर आपका प्रोमोशन न हो या इनक्रीमेंट कम हो, तो निराश न हों. अगले साल पूरी मेहनत के साथ शुरुआती दिनों से ही बेहतरीन परफॉर्मेस दें.

वैसे सही तरीका तो यही है कि सालभर अच्छा काम करें क्योंकि अब अधिकारी भी जानते हैं कि लोग जनवरी से मार्च-अप्रैल के महीने में ज्यादा काम क्यों करते हैं. हमें चाहिए कि हम सालभर ही हर कदम संभल कर रखें.

जितना ज्यादा हो सकें, उतना काम अपने ऊपर लें. ऑफिस में अपनी उपस्थिति दर्ज करायें. यह काम के जरिये भी करें और अपने कम्यूनिकेशन के जरिये भी. कई लोग ऑफिस में काम तो ठीक करते हैं, लेकिन लोगों से बातचीत बिलकुल नहीं करते. इस तरह उनका होना, न होने के बराबर होता है. कई लोग बार-बार छुट्टी लेते हैं या बहुत बीमार रहते हैं.

इस तरह ऑफिस में वे कम काम कर पाते हैं. इसका असर भी उनकी इनक्रीमेंट पर पड़ता है.बीमार होने की स्थिति में तो आप कुछ नहीं कर सकते, लेकिन अगर आप शादी, जन्मदिन आदि समय में छुट्टी न लें, तो आपके लिए बेहतर है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब हम बार-बार छुट्टी लेते हैं, तो हमारे ऊपर से कई जिम्मेवारियां अधिकारी हटा देते हैं. उनका हम पर भरोसा कम हो जाता है. धीरे-धीरे उन्हें लगने लगता है कि इस कर्मचारी के ऑफिस न आने पर भी कंपनी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा, तो क्यों न इसे हटा दिया जाये.

ऑफिस में लोगों से जरूर मिलें, लेकिन बातचीत इतनी लंबी भी न हो कि लोगों को आप फ्री दिखने लगें. सबसे जरूरी बात यह है कि इधर-उधर की बातों को हवा न दें. कोई अगर इस तरह से करता हो, तो तुरंत उस जगह से हट जायें. यह बेहद जरूरी है, क्योंकि कई बार हम गॉसिप नहीं भी कर रहे होते हैं, तो लोगों को लगता है कि हम उनके ग्रुप में शामिल हैं.

.बात पते की..

लोगों की टेबल पर जा कर बात न करें. उन्हें अपने पास आने दें. ऐसा करने से यह इल्जाम आप पर नहीं लगेगा कि आप अपनी जगह पर नहीं होते.

छोटे-मोटे कामों के लिए छुट्टी न लें. सिर व पेट दर्द के बहाने से यदि आप छुट्टी लेंगे, तो जरूरत पड़ने पर भी आपको छुट्टी नहीं मिलेगी.

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