बीएसयूपी आवासों की जांच करेगा निगम

आसनसोल: लगातार विभिन्न परेशानियों से जूझ रहे आसनसोल नगर निगम प्रशासन ने भ्रष्टाचार और विभिन्न गड़बड़ियों के खिलाफ अभियान चला कर अपनी छवि को सुधारने का निर्णय लिया है. इसी आलोक में केंद्र सरकार की जवाहरलाल नेहरू अर्बन रीन्यूअल मिशन (जेएनएनयूआरएम) की बेसिक सर्विसेज फॉर अर्बन पुअर्स (बीएसयूपी) योजना के तहत निर्मित आवासों का निरीक्षण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:41 PM

आसनसोल: लगातार विभिन्न परेशानियों से जूझ रहे आसनसोल नगर निगम प्रशासन ने भ्रष्टाचार और विभिन्न गड़बड़ियों के खिलाफ अभियान चला कर अपनी छवि को सुधारने का निर्णय लिया है. इसी आलोक में केंद्र सरकार की जवाहरलाल नेहरू अर्बन रीन्यूअल मिशन (जेएनएनयूआरएम) की बेसिक सर्विसेज फॉर अर्बन पुअर्स (बीएसयूपी) योजना के तहत निर्मित आवासों का निरीक्षण अभियान चलाने का निर्णय लिया है. शिकायत मिली है कि बड़ी संख्या में लाभुकों ने अपने आवासों को भारे पर दे रखा है. यदि जांच में कोई मामला पक ड़ा गया तो उक्त आवास का आवंटन रद्द कर उसे नये सिरे से अन्य लाभुकों को आवंटित किया जायेगा.

मेयर तापस बनर्जी ने कहा कि बड़ी संख्या में शिकायतें मिल रही हैं कि इन आवासों को लाभुकों ने भाड़े पर दे रखा है. आमतौर पर यह योजना गृहहीनों के लिए है. इसके तहत गरीब निवासियों को सरकारी मदद से पक्का आवास आवंटित किया जाता है तथा उसमें पानी, बिजली जैसी सभी बुनियादी सुविधाएं उत्पन्न की जाती हैं. नगर निगम क्षेत्र में छह हजार ऐसे आवास निर्मित किये गये हैं. इनमें से अधिकांश वार्ड 19 के दिलजारनगर, वार्ड 28 के श्रीनगर, वार्ड 32 के गुलजारबस्ती तथा वार्ड 50 के धुलामाता में स्थित हैं. यदि इन आवासों को भाड़े पर चलाया गया तो इस योजना का औचित्य ही समाप्त हो जायेगा.

उन्होंने कहा कि आगामी सप्ताह होनेवाली बोर्ड की बैठक में इस मुद्दे पर प्रस्ताव पारित किया जायेगा. निगम स्तर से कमेटी गठित की जायेगी. वह कमेटी सभी ऐसे आवासों का स्पॉट वेरीफिकेशन करेगी. यदि किसी भी आवास में भारेदार या आवंटित के अलावा कोई दूसरा परिवार पाया गया तो उसका आवंटन तत्काल रद्द कर दिया जायेगा.

विभागीय सूत्रों ने बताया कि कई लाभुकों ने राजनीतिक संरक्षण में ऐसे आवास हासिल कर लिये हैं. वे अपने परिवार के साथ रह रहे हैं, लेकिन सरकारी आवास पर कब्जा बरकरार रखने के लिए उसे भाड़े पर लगा रखा है या रिश्तेदारों को दे रखा है. इससे इस योजना का लाभ सही लाभुको को नहीं मिल रहा है. इस गड़बड़ी को दूर करने के बाद इसमें और भी पारदर्शिता आयेगी.

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