पेरिस : फ्रांस में भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच रविवार को राष्ट्रपति चुनाव के पहले दौर का मतदान शुरू हुआ. दशकों में पहली बार इन चुनावों के नतीजों को लेकर स्थिति स्पष्ट नजर नहीं आ रही है, लेकिन इसके नतीजों को यूरोपीय संघ के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. घोर दक्षिणपंथी नेता मरीन ली पेन और एमैनुअल मैक्रोन के बीच कांटे की टक्कर है.
इन दोनों उम्मीदवारों को मिलाकर 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान हैं. ली पेन के मजबूत होने की एक वजह यह भी है कि दोनों मुख्य विपक्षी दलों सोशलिस्ट पार्टी और दि रिपब्लिकन्स के उम्मीदवार कमजोर हैं. दि रिपब्लिकन्स के उम्मीदवार फ्रांस्वा फियो राष्ट्रपति रहे निकोला सारकोज़ी के समय में फ्रांस के प्रधानमंत्री थे. लेकिन, तीन महीने पहले उनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. इसके पहले तक वो काफी मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे थे. सोशलिस्ट पार्टी के बेनवा एमो बहुत लोकप्रिय नहीं हैं.
वर्ष 2002 के चुनाव में ली पेन के पिता और नस्लभेद के आरोपित जीन मारी ली पेन ने पहले राउंड के मतदान में दूसरे नंबर पर आ का सबको चोका दिया था. हालांकि, बाद में वह जैक शीराक से हार गये थे. मरीन ली पेन का मानना है आतंकवाद का मुद्दा उन्हें सबसे आगे रखेगा. ली जीतती हैं तो वह फ्रांस की पहली महिला राष्ट्रपति होंगी.