उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण से चिंतित अमेरिका ने दक्षिण कोरिया में तैनात किया मिसाइल, चीन ने जतायी नाराजगी
सोल : उत्तर कोरिया की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच अमेरिकी सेना ने दक्षिण कोरिया में एक तैनाती स्थल पर एक मिसाइल रक्षा प्रणाली पहुंचानी आरंभ कर दी है, जिसे लेकर चीन ने नाराजगी जतायी है. अमेरिका ने प्योंगयांग के एकमात्र बडे सहयोगी चीन से अपील की है कि वह उत्तर कोरिया […]
सोल : उत्तर कोरिया की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच अमेरिकी सेना ने दक्षिण कोरिया में एक तैनाती स्थल पर एक मिसाइल रक्षा प्रणाली पहुंचानी आरंभ कर दी है, जिसे लेकर चीन ने नाराजगी जतायी है. अमेरिका ने प्योंगयांग के एकमात्र बडे सहयोगी चीन से अपील की है कि वह उत्तर कोरिया पर लगाम लगाने के लिए और कदम उठाये, लेकिन चीन ने टर्मिनल हाई ऐल्ट्यूड एरिया डिफेंस (थाड) प्रणाली की तैनाती की योजना पर नाराजगी जतायी है.
इसे भी पढ़ें : अमेरिका-उत्तर कोरिया के बीच कभी भी छिड़ सकती है परमाणु जंग
अमेरिका और उसके सहयोगी दक्षिण कोरिया का कहना है कि इस तैनाती का मकसद परमाणु सशस्त्र उत्तर कोरिया से पैदा होने वाले मिसाइल खतरों से रक्षा करना है. दोनों ने इस तैनाती पर पिछले साल सहमति जतायी थी. उधर, चीन को इस बात का डर है कि थाड की तैनाती से उसकी अपनी बैलिस्टिक क्षमताएं कमजोर होंगी. उसका कहना है कि इससे क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन बिगड़ेगा. चीन ने कई कदम उठाये हैं, जिन्हें दक्षिण कोरिया के खिलाफ आर्थिक बदले के तौर पर देखा जा रहा है. इनमें टूर समूहों पर प्रतिबंध भी शामिल है.
एक टीवी फुटेज में बुधवार की सुबह सोंगजु के गोल्फ कोर्स में बड़े वाहन प्रवेश करते दिख रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि इन वाहनों में मिसाइल संबंधी उपकरण है. इस तैनाती के कारण संभावित पर्यावरणीय प्रभाव को लेकर चिंतित हजारों निवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया. उनमें से कुछ का पुलिस के साथ संघर्ष हुआ. सोल के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि बुधवार के कदम का मकसद जल्द से जल्द थाड की संचालनात्मक क्षमता को सुनिश्चित करना है. इसका लक्ष्य इस साल के अंत तक बैटरियों को पूरी तरह तैनात करना है. थाड प्रणाली का मकसद लघु और मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को प्रक्षेपण के अंतिम चरण में रोकना और नष्ट करना है.