वाशिंगटन : अमेरिका के एक शीर्ष विशेषज्ञ का मानना है कि भारत रूस के साथ ‘अमेरिका से स्वतंत्र’ तौर पर अपने संबंध बनाकर रखेगा, क्योंकि रूस उसे ऐसी क्षमताएं एवं प्रौद्योगिकियां देने के लिए तैयार है, जो अमेरिका नहीं देगा.
कार्नेगी एनडोमेंट फॉर इंटरनेशनल रिलेशन्स के वरिष्ठ शोधार्थी एशले टेलिस ने मंगलवारको सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों से कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत एक बहुत साधारण सी वजह के चलते अमेरिका से स्वतंत्र तौर पर रूस के साथ हमेशा संबंध रखेगा. वजह यह है कि रूसी लोग भारत को ऐसी अहम सामरिक क्षमताएं और प्रौद्योगिकियां उपलब्ध करवाने के लिए तैयार हैं, जो हम नीति या कानून संबंधी कारणों के चलते उन्हें उपलब्ध नहीं करवायेंगे.’ सीनेटर एलिजाबेथ वारेन के सवाल के जवाब में टेलिस ने कहा, ‘भारत के साथ हमारा उद्देश्य गूढ़ है. अमेरिका ने भारत के साथ गंठबंधन स्थापित करने के बजाय अपनी क्षमताओं के निर्माण के रुख के साथ भारत से संपर्क किया है.’
एलिजाबेथ ने पूछा था, ‘कुछ ने हाल ही में कहा है कि भारत अपने हित के लिए अमेरिका और रूस को एक-दूसरे के खिलाफ करने का खेल कर रहा है. क्या आपको यह सच लगता है? क्या आपको लगता है कि अमेरिका को इसे लेकर चिंतित होना चाहिए?’ टेलिस ने यह भी कहा कि अमेरिका का आकलन है कि यदि भारत अपने पैरों पर खड़ा हो पाता है और यदि भारत अपने दम पर चीन से संतुलन साधने में मदद कर पाता है तो यह अमेरिका के लिए अच्छा है, फिर चाहे वह अमेरिका के साथ द्विपक्षीय तौर पर कुछ भी करे.