मोनार्क शर्मा यूएस आर्मी के एच-64ई कॉम्बेट फाइटर हेलीकॉप्टर यूनिट में शामिल

जयपुर : यूएस आर्मी में पिछले वर्ष शामिल हुए जयपुर निवासी मोनार्क शर्मा ने एक और छलांग लगाते हुए आर्मी के एच-64ई कॉम्बैट फाइटर हेलीकॉप्टर यूनिट में शामिल हो गये हैं. इससे पहले मोनार्क नासा में वर्ष 2013 में बतौर जूनियर रिसर्च सांइटिस्ट काम कर चुके हैं. यूएसआर्मी के सबसे खतरनाक फाइटर हेलिकॉप्टर यूनिट में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 9, 2017 9:09 PM

जयपुर : यूएस आर्मी में पिछले वर्ष शामिल हुए जयपुर निवासी मोनार्क शर्मा ने एक और छलांग लगाते हुए आर्मी के एच-64ई कॉम्बैट फाइटर हेलीकॉप्टर यूनिट में शामिल हो गये हैं. इससे पहले मोनार्क नासा में वर्ष 2013 में बतौर जूनियर रिसर्च सांइटिस्ट काम कर चुके हैं. यूएसआर्मी के सबसे खतरनाक फाइटर हेलिकॉप्टर यूनिट में मोनार्क शर्मा को बतौर वैज्ञानिक शामिल किया गया है. अब वह यूएस आर्मी में शामिल होनेवाले फाइटर प्लेन की डिजाइनिंग, निरीक्षण, निर्माण और रखरखाव का कार्य देखेंगे. इस नयी जिम्मेदारी के लिए उन्हें 1.20 करोड़रुपयेका सालाना पैकेज दिया गया है. साथ ही नासा ने नौकरी केसाथ ग्रीन कार्ड की भी पेशकश की है.

राजस्थान पुलिसमें अतिरिक्त निजी सचिव राकेश शर्मा के पुत्र मोनार्क शर्मा ने भगवान महावीर जैन स्कूल से प्रारंभिक पढ़ार्इ की.इसके बाद जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्यूनिकेशन में बैचलर डिग्री हासिल की. बचपन से ही वैज्ञानिक बनने काउनका लक्ष्य उस समय पूराहुआ, जब नासा के वर्ष 2011 में मून बग्गी और वर्ष 2012 में लूना बोट जैसे प्रोजेक्ट का वह हिस्सा बने. वर्ष 2013 में मोनार्क को नासा की मास कम्यूनिकेशन विंग में जिम्मेदारी मिल गयी. वर्ष 2016 मई में उन्हें यूएस आर्मी में शामिल किया गया. यहां उन्हें बेहतरीन कार्य के लिए दो प्रतिष्ठित अवॉर्ड सेना सेवा पदक और सुरक्षा उत्कृष्टता का पुरस्कार भी मिले.

मोनार्क शर्मा का कहना है कि मुझे भारतीय सशस्त्र बल में सेवा का मौका नहीं मिल सकता. लेकिन, अमेरिका में मेरे द्वारा उठाये गये कदम भारत को गौरवान्वित करने के लिए ही था. मैं भारतीय छात्रों को प्रोत्साहित करना चाहता हूं कि कड़ी मेहनत से जीवन में सफलता अर्जित की जा सकती है.

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