इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने बंदूक की नोक पर शादी कर भारतीय महिला का यौन शोषण की शिकार महिला को भारत भेजने की बात कही है. उसने कहा है कि कानूनी जरूरतों के पूरा होने के बाद उस भारतीय महिला को स्वदेश भेजा जायेगा. महिला ने आरोप लगाया है कि बंदूक के बल पर एक पाकिस्तानी नागरिक से शादी के लिए मजबूर किये जाने के बाद उसका यौन शोषण किया गया है.
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पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकरिया ने कहा कि विदेश मंत्रालय और भारतीय अधिकारी इस मामले को लेकर संपर्क में हैं और कानून मसले सुलझने के बाद महिला को वापस जाने की अनुमति दी जायेगी. उन्होंने कहा कि उनका मामला फिलहाल अदालत में हैं और कानूनी जरूरतें पूरी होने के बाद उसे वापस भेजा जायेगा. उन्होंने कहा कि भारतीय उच्चायोग ने महिला के बरे में सूचनाएं मुहैया करायी हैं और उसकी निकाह के दस्तावेज भी मांगे हें.
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि महिला की पहचान 20 वर्षीय उज्मा के रूप में हुई है. यदि भारतीय उच्चायोग उसे नया पासपोर्ट जारी कर देता है और पाकिस्तान का गृहमंत्रालय वीजा जारी करके उसके देश में रहने को कानूनी रूप देता है, तो वह तुरंत वापस जा सकती है.
उन्होंने कहा कि निकाह और अदालत की सुनवायी उसके भारत वापस जाने में कोई रुकावट नहीं है. वह एक वकील की मदद से अपनी मुकदमा लड़ने के लिए किसी को भी पावर ऑफ अटॉर्नी दे सकती है. वकील ने कहा कि यदि वह बयान देती है, तो जबरन कराया गया निकाह खत्म हो सकता है. उन्होंने कहा कि यदि यह वैध निकाह है, तो भी वह खुला का मुकदमा कर सकती है और अदालत उसका निकाह खत्म कर देगी.
पीड़ित भारतीय महिला ने इस्लामाबाद की एक अदालत में मंगलवार को अपने पति ताहिर अली के खिलाफ याचिका दायर की है. उसने अपने पति पर प्रताड़ना और धमकाने का आरोप लगाया है. महिला ने मजिस्ट्रेट हैदर अली शाह के समक्ष अपना बयान रिकॉर्ड कराया है. अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि महिला ने मजिस्ट्रेट से कहा कि वह शादी के लिए नहीं, बल्कि अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए पाकिस्तान आयी थी.
अधिकारियों के अनुसार, उज्मा ने कहा कि मुझे बंदूक के बल पर शादी के लिए मजबूर किया गया और मेरे आव्रजन कागजात छीन लिये गये. कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में लायी गयी उज्मा ने यह भी आरोप लगाया कि ताहिर ने उसके खिलाफ हिंसा की और यौन उत्पीड़न किया है. उसने कहा कि वह भारतीय उच्चायोग नहीं छोड़ना चाहती. अदालत ने मामले की सुनवाई 11 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया है. शादी कराने वाले मौलवी हूमायूं खान को भी अगली सुनवाई पर सम्मन किया गया है.