होलिका दहन कल, सोमवार को होली
रात 7.30 बजे तक जलायी जायेगी होलिका रांची: होलिका दहन रविवार को है. आचार्य पीएन चौबे ने बताया कि शनिवार को पूर्णिमा रात 9.15 मिनट से शुरू हो जायेगी, जो रविवार को रात्रि 10.38 बजे तक रहेगी. इस दिन सर्वाथ का सिद्ध योग है. अमृत की चौघड़िया रात 7.20 बजे तक है. भ्रदा रविवार को […]
रात 7.30 बजे तक जलायी जायेगी होलिका
रांची: होलिका दहन रविवार को है. आचार्य पीएन चौबे ने बताया कि शनिवार को पूर्णिमा रात 9.15 मिनट से शुरू हो जायेगी, जो रविवार को रात्रि 10.38 बजे तक रहेगी. इस दिन सर्वाथ का सिद्ध योग है. अमृत की चौघड़िया रात 7.20 बजे तक है. भ्रदा रविवार को सुबह 10.02 बजे समाप्त हो जायेगा. पंडित चौबे ने बताया कि होलिका दहन का शुभ समय प्रदोष काल के तुरंत बाद सायं 7.30 बजे तक है. वैसे 10.38 मिनट तक भी होलिका दहन किया जा सकता है. यह पर्व वैर भाव मिटाने एवं सांस्कृतिक समरसता का है, इसलिए आपस में रंग और अबीर अवश्य खेलना चाहिए. इस दिन किसी भी गरीब एवं जानवर को भूखा नहीं रखना चाहिए.
होलिका एवं भस्म का महत्व : होलिका दहन एक पवित्र प्रक्रिया है. ऐसी मान्यता है कि होलिका की तीन परिक्रमा की जाती है. भस्म को घर में लाकर रखने का विधान है. भस्म रखने से सांसारिक दुखों का नाश होता है, इसलिए भस्म को पूरे साल तक रखना चाहिए. इससे गृह क्लेश दूर भागता है एवं सुख की वृद्धि होती है. राजस्थान में विशेष कर नवजात शिशुओं को होलिका की एक बार परिक्रमा करायी जाती है. दूसरी ओर इस दिन प्रहलाद एवं हिरण्यकशिपु का प्रसंग भी आता है. कथा के अनुसार धर्मराज युधिष्ठर ने सर्वप्रथम होली का पर्व मनाया था.
17 को धूमधाम से मनायी जायेगी होली : होली 17 मार्च को है. प्रात: स्नान ध्यान कर अपने घर के कुल देवता की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. रंग के त्योहार को विभिन्न रूपों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है. पौराणिक मान्यता है कि होली का पर्व पुराणों में भी मिलता है. विंध्य पर्वत पर मिले शिलालेखों में इसका वर्णन किया गया है.
मारवाड़ी समिति का होलिका दहन कल : मारवाड़ी सहायक समिति के तत्वावधान में होलिका दहन बकरी बाजार एवं बाराज टांड के प्रांगण में मनाया जायेगा. रविवार को रात्रि में 7.30 बजे से रात 9 बजे तक होलिका दहन किया जायेगा. 16 मार्च को सुबह 10 बजे झंडा रोपण किया जायेगा. यह जानकारी मीडिया संयोजक कमल खेतावत ने दी.