वाशिंगटनः फेरडल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (एफबीआइ) चीफ जेम्स कोमी को हटाने के बाद से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग की तलवार लटक रही है. ट्रंप ने कहा है कि एफबीआइ चीफ अपना काम ठीक से नहीं कर रहे थे, इसलिए उन्हें हटाया गया है.
उनकी यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है. ऐसे में ट्रंप के खिलाफ कांग्रेस में महाभियोग का प्रस्ताव लाया जा सकता है. हालांकि, कांग्रेस में ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है, जिसके चलते उनके सत्ता से बाहर होने की उम्मीद कम ही है.
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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी दखल की जांच कर रहे जेम्स कोमी को हटाये जाने के बाद से अमेरिका समेत दुनिया भर में विवाद छिड़ गया है. इस मसले को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप को अपने ही देश में विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
दरअसल, खबर आयी थी कि वर्ष 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस की हैकिंग के कारण ट्रंप चुनाव जीते थे. कोमी इसी मामले की जांच कर रहे थे.
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पूर्व एफबीआइ चीफ के करीबी सूत्रों का कहना है कि जांच में ट्रंप बुरी तरह फंसते दिख रहे थे. जेम्स ने ट्रंप को विश्वास में लिये बिना मामले की जांच तेज कर दी थी. ट्रंप ने इसे अपने लिए खतरा समझ लिया और जेम्स को पद से हटा दिया.
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रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव के अमेरिकी दौरे से एक दिन पहले एफबीआइ चीफ को हटाये जाने के बाद से अमेरिकी राजनीति में भूचाल आ गया है. हालांकि, ई-मेल विवाद में घिरी हिलेरी क्लिंटन, जिन्होंने हाल ही में कहा था कि एफबीआइ के चलते उनको चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था, अब कुछ भी कहने से कतरा रही हैं.
1973 में निक्सन को देना पड़ा था इस्तीफा
वर्ष 1973 वाटरगेट की निष्पक्ष जांच कर रहे आर्किबाल्ड कोक्स को हटाने के कारण तत्कालीन राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को महाभियोग चला कर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था. ट्रंप की तरह निक्सन भी वाटरगेट मामले में बुरी तरह फंस गये थे. अमेरिका के लोग भी मानते हैं कि एफबीआइ चीफ को हटा कर ट्रंप ने अपने पद का दुरुपयोग किया है. वह खुद को कानून से ऊपर समझने लगे हैं. ट्रंप की लोकप्रियता भी लगातार घट रही है.