कोलंबो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने दो दिवसीय श्रीलंका दौरे के दौरान बैसाख दिवस समारोह में हिस्सा लिया. यहां कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज का दिन श्रीलंका, भारत और सभी बौद्ध धर्म के लोगों के ऐतिहासिक दिन है. भारत के बोधगया में ही प्रिंस सिद्धार्थ बुद्ध बने थे. यह बैसाख दिवस समारोह बहुत महत्वपूर्ण है. यह भगवान बुद्ध की शिक्षाओं की याद दिलाता है.
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पीएम मोदी ने कहा कि बुद्ध का वाराणसी से खास रिश्ता रहा है, मैं उसी जगह का प्रतिनिधित्व करता हूं. उन्होंने कहा कि श्रीलंका बौद्ध के ज्ञान पाने के लिए सबसे अच्छी जगह है. भारत और श्रीलंका की दोस्ती में बुद्धिज्म के अहम योगदान है. पड़ोसी होने के नाते हमारे रिश्तों की कई परतें हैं, बुद्धिज्म इन परतों में एक अहम परत है.
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अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने एलान किया कि आने वाले अगस्त से वाराणसी और कोलंबो के बीच सीधी विमान सेवा शुरू की जाएगी. इस सेवा के शुरू हो जाने से यात्रियों को कुशीनगर जाने में आसानी होगी. इसके साथ ही वे बाबा काशीनाथ के दर्शन भी कर सकेंगे. इस उडान सेवा का परिचालन सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया करेगी.
आपको बता दें कि अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डिकोया में ही भारतीय मूल के तमिल लोगों को भी संबोधित करेंगे. इसके बाद वे श्री दलादा मालीगावा मंदिर भी जाएंगे. यहां उल्लेख कर दें कि श्रीलंका सरकार की ओर से कहा गया है कि पीएम के इस दौरे पर मछुआरे या किसी अन्य बड़े मुद्दे पर बातचीत नहीं होगी. पीएम सिर्फ यहां पर अंतरराष्ट्रीय बैसाख दिवस के समारोह में शिरकत करने के उद्देश्य से पहुंचेंगे.
यहां बता दें कि वाराणसी से 10 किलोमीटर की दूरी पर सारनाथ पडता है जो बौद्ध धर्म के प्रमुख तीर्थों में से एक है. माना जाता है कि बिहार के बोधगया में ‘ज्ञान की प्राप्ति’ के बाद गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया था जिसे ‘महा धर्म चक्र परिवर्तन’ कहा जाता है. सीधी उडान सेवा से बौद्ध बहुल श्रीलंका के तीर्थयात्रियों को सारनाथ घूमने में आसानी होगी.