सोल : दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिकी सेना ने दावा किया है कि उत्तर कोरिया ने बैलिस्टक मिसाइल परीक्षण किया जो कि जापान सागर में गिरी है. यह परीक्षण चार दिन पहले चुने गए दक्षिण कोरिया के निर्वाचित राष्ट्रपति को सीधी चुनौती है.
ऐसे समय पर यह परीक्षण किया गया है जब अमेरिका, जापान और यूरोपीय देशों की नौसेनाएं प्रशांत महासागर में संयुक्त युद्धाभ्यास के लिए एकत्र हो रही हैं. यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि उत्तर कोरिया ने किस तरह की बैलिस्टक मिसाइल का परीक्षण किया है. हालांकि यूएस पैसिफिक कमांड ने बताया है कि उडान अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के अनुरुप नहीं है.
सेना के बाहर के विशेषज्ञ इस बात का विश्लेषण करेंगे कि उत्तर कोरिया ने क्या दागा है. प्योंगयांग नियमित तौर पर कम दूरी की मिसाइलों का परीक्षण करता रहा है और वह उस तकनीक पर महारथ हासिल करने पर भी काम कर रहा है, जिसके तहत परमाणु आयुध वाली मिसाइलें अमेरिका तक पहुंच सकें. रविवार की तुलना में, पहले किए गए परीक्षण ऐसी मिसाइलों के थे जो जापान के करीब गिरीं. लेकिन यह सभी परीक्षण असफल रहे थे.
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मिसाइल की प्रकृति जो भी हो, इस प्रक्षेपण ने दक्षिण कोरिया के नए नेता मून जे इन को प्योंगयांग के साथ निपटने के लिए बाध्य कर दिया है. यह बात उस घरेलू आर्थिक एजेंडे से उपर है जो मून जे इन ने अपना पद भार ग्रहण करने के बाद प्राथमिकता के तौर पर बनाया था राष्ट्रपति के वरिष्ठ सचिव यून यंग चान ने कहा कि उदारवादी मून ने उत्तर कोरिया के प्रति अपने रुढिवादी पूर्ववर्तियों से अलग नर्म रवैया अपनाने के पक्ष में राय जाहिर की थी.
लेकिन मून ने आपातकालीन राष्ट्रीय सुरक्षा बैठक में इस प्रक्षेपण की कडे शब्दों में निंदा करते हुए इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्पों का खुला उल्लंघन एवं अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को गंभीर चुनौती करार दिया. टीवी पर प्रसारण में यून ने कहा ‘‘दक्षिण कोरिया में नयी सरकार के आने के कुछ दिन बाद ही हुई उकसावे की इस कार्रवाई पर राष्ट्रपति ने गहरा खेद जताया है.”
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उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ने कहा था कि हम लोग उत्तर कोरिया से बातचीत की संभावनाओं के दरवाजे खुले छोड़ रहे हैं लेकिन उत्तर कोरिया को हमारे बारे में गलत अनुमान लगाए जाने से रोकने के लिए हमें इस उकसावे से कडाई के साथ निपटना चाहिए.” जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव योशीहीदे सुगा ने कहा कि मिसाइल उत्तर कोरिया के पश्चिमी तट के प्रक्षेपण स्थल से 800 किलोमीटर की दूरी तक गई और जापान के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में नहीं बल्कि जापान सागर में गिरी. जापान के रक्षा मंत्री ने बताया कि मिसाइल लगभग 2,000 किलोमीटर की उंचाई तक गई.
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि प्रक्षेपण पूरी तरह से अस्वीकार्य है और जापान इसका जवाब सख्ती से देगा. दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने एक बयान में बताया कि मिसाइल रविवार की सुबह उत्तर फ्योंगान प्रांत के कुसांग के निकट से प्रक्षेपित की गई. ट्रंप प्रशासन ने उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक और परमाणु प्रयासों को अस्वीकार्य बताया है.