लंदन : शुक्रवार को हुए अभी तक के सबसे बड़े साइबर हमले में भारत सहित 150 देशों के दो लाख उपभोक्ता शिकार हुए हैं. यूरोप की प्रतिष्ठित सुरक्षा एजेंसी यूरोपोल के प्रमुख ने रविवार को यह जानकारी दी़ उन्होंने फिर से हमला होने की आशंका जतायी है.
जांच एजेंसियां यह पता करने में जुटी हैं कि बैंकों, अस्पतालों और सरकार तथा वैश्विक एजेंसियों की प्रणाली को प्रभावित करने वाले इस हमले के पीछे कौन है. यूरोपोल के निदेशक रॉब वेनराइट ने कहा, मुझे चिंता है कि सोमवार को जब लोग काम पर जायेंगे और अपनी मशीनें ऑन करेंगे तो, संख्या में और वृद्धि होगी़ उन्होंने कहा कि खतरा बढ़ रहा है क्योंकि साइबर विशेषज्ञों ने आने वाले दिनों में और हमलों की चेतावनी दी है.
वेनराइट ने आइटीवी चैनल से कहा कि साइबर हमले में कम से कम 150 देशों के 200,000 से ज्यादा उपभोक्ता प्रभावित हुए हैं. इन पीड़ितों में बड़ी कंपनियों सहित कई कॉरपोरेट भी शमिल होंगे़ विशेषज्ञों का मानना है कि अभी तक हैकर्स को लोगों ने 28,458 डॉलर का भुगतान भी कर दिया है. साइमनटेक नाम की साइबर सिक्योरिटी कंपनी ने संभावना जतायी है कि साइबर हमले के बाद कॉरपोरेट नेटवर्क को ठीक करने में लाखों डॉलर का खर्च आयेगा.
वानाक्राई प्रभावित विंडो सिस्टम पर फाइलों को एनक्रिप्ट करता है. यह विंडो सिस्टम में सर्वर मैसेज ब्लॉक (एसएमबी) के इस्तेमाल में सुरक्षा ना बरतने से फैलता है. यह कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क ड्राइव को एनक्रिप्ट करता है और फिर उसी लोकल एरिया नेटवर्क पर कम्प्यूटरों के बीच फैलता है. यह इ-मेल में वायरस फैलाने वाली अटैचमेंट से भी फैलता है. रैंसमवेयर वायरस इतना खतरनाक और स्मार्ट है कि यह ‘प्लीज रीड मी’ नाम से एक फाइल छोड़ता है जिसमें यह बताया जाया है कि कम्प्यूटर के साथ क्या हुआ और कैसे फिरौती देनी है.
* ऐसे संदेश आये
बिटक्वायन में 300 डॉलर के भुगतान की मांग करने वाला जो संदेश पीड़ितों की स्क्रीन पर आया, उसमें लिखा था, ‘‘उप्स, योर फाइल्स हैव बीन एनक्रिप्टेड”. स्क्रीन पर आये संदेश के अनुसार, भुगतान तीन दिन में किया जाना चाहिए वर्ना राशि दोगुना कर दी जायेगी. यदि सात दिन में राशि नहीं दी जाती है तो फाइलें डिलीट कर दी जायेंगी.
* आपको क्या करना चाहिए ?
डाटाबेस में संग्रहित सूचनाओं की प्रमाणिकता की नियमित तौर पर जांच करें. अवांछित इ-मेल में अटैचमेंट को ना खोलें चाहे वे आपकी संपर्क सूची में शामिल लोगों की ओर से ही आये हों. अवांछित इ-मेल के यूआरएल पर कभी क्लिक ना करें. वास्तविक यूआरएल के मामलों में इ-मेल बंद करें और ब्राउजर के जरिये सीधे संगठन की वेबसाइट पर जायें. फिरौती कतई न दें.
* माइक्रोसॉफ्ट के पैच को जल्द करें इंस्टॉल
भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया बल (सीइआरटी-इन) के महानिदेशक संजय बहल ने कहा कि अगर लोग पहले ही माइक्रोसॉफ्ट द्वारा जारी पैच को इंस्टॉल कर चुके हैं तो उनको परेशान होने की जरूरत नहीं है. अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया है तो उन्हें तत्काल इसे करना चाहिए़ माइक्रोसॉफ्ट ने स्थिति से निबटने के लिए एक पैच जारी किया है. दुनिया भर के उपयोगकर्ताओं को इसे जल्द-से-जल्द डाउनलोड करने की सलाह दी गयी है.