जिहाद की आड़ में आतंकवाद फैलाता है हाफिज सईद, पाकिस्तान सरकार ने कोर्ट में दिया हलफनामा
लाहौर: लश्कर सरगना हाफिज सईद के जिहाद की आड़ में आतंक फैलाने के भारत के दावे को पाकिस्तान सरकार ने भी मान लिया है. पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने ज्यूडिशियल रिव्यू बोर्ड के सामने हाफिज की नजरबंदी की जो वजह बतायी है, वह वही है, जो अब तक भारत सरकार कहती रही है. […]
लाहौर: लश्कर सरगना हाफिज सईद के जिहाद की आड़ में आतंक फैलाने के भारत के दावे को पाकिस्तान सरकार ने भी मान लिया है. पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने ज्यूडिशियल रिव्यू बोर्ड के सामने हाफिज की नजरबंदी की जो वजह बतायी है, वह वही है, जो अब तक भारत सरकार कहती रही है.
पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने बोर्ड के समक्ष कहा है कि हाफिज सईद और उसके चार साथी जिहाद के नाम पर आतंकवाद फैला रहे हैं. इस आधार पर उसकी नजरबंदी जायज है. हालांकि, पाकिस्तान ने चालाकी ये की है कि उस पर ये पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी गतिविधियां चलाने को लेकर लगाये गये हैं.
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वहीं, न्यायिक समीक्षा बोर्ड के समक्ष पेश हुए हाफिज सईद ने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने कश्मीरियों की आवाज बुलंद करने से रोकने के लिए उसे नजरबंद किया है. बहरहाल, गृह मंत्रालय ने उसकी दलीलों को खारिज कर दिया और तीन सदस्यीय बोर्ड से कहा कि सईद और उसके चार साथियों को ‘जिहाद के नाम पर आतंकवाद फैलाने’ के लिए नजरबंद रखा गया है.’
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जस्टिस एजाज अफजल खान (सुप्रीम कोर्ट), जस्टिस आयशा ए मलिक (लाहौर हाइकोर्ट) और जस्टिस जमाल खान मंदोखल (बलूचिस्तान हाइकोर्ट) की मौजूदगीवाले बोर्ड ने मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह सईद और उसके चार साथियों (जफर इकबाल, अब्दुल रहमान आबिद, अब्दुल्ला उबैद और काजी कासिफ नियाज) को नजरबंद किये जाने को लेकर 15 को होनेवाली अगली सुनवाई पर पूरा रिकॉर्ड सौंपे. बोर्ड ने यह भी कहा कि अगली सुनवाई पर पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल खुद उपस्थित हों.
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कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस ने सईद और उसके चार साथियों को बोर्ड के समक्ष पेश किया था. इस दौरान सईद के समर्थक अदालत के बाहर जमा थे. सईद के वकील एके डोगर भी सुनवाई के दौरान मौजूद थे, लेकिन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक ने अपना बचाव खुद ही किया.
उसने कहा, ‘सरकार की ओर से मेरे के खिलाफ लगाये गये आरोप किसी सरकारी संस्था द्वारा कभी साबित नहीं हुए. कश्मीर की आजादी के लिए आवाज बुलंद करने और कश्मीर मुद्दे पर सरकार की कमजोर नीति की आलोचना करने की वजह से मेरे संगठन और मुझे निशाना बनाया गया है.’
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सईद 30 जनवरी, 2017 से नजरबंद है और 30 अप्रैल को उसकी नजरबंदी की मियाद 90 दिन तक बढ़ा दी गयी. अपनी इसी नजरबंदी के खिलाफ हाफिज ने अर्जी दी थी, जिसकी सुनवाई चल रही है.
ज्ञात हो कि पाकिस्तान ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने की बात कही और वह उस मामले में रिहा हो गया. इस मामले में भी पाकिस्तान ने भारत या दुनिया के किसी अन्य देश में आतंकवाद फैलाने का आरोप हाफिज सईद पर नहीं लगाया है.
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हाफिज की नजरबंदी भी अमेरिका के कड़े रुख की वजह से हुई. पाकिस्तान से अमेरिका ने कहा था कि यदि वह हाफिज सईद पर कार्रवाई नहीं करेगा, तो उसे प्रतिबंध के लिए तैयार रहना होगा. इसके बाद ही पाकिस्तान ने आनन-फानन में सईद पर एंटी टेररिस्ट एक्ट लगा दिया.