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जाधव की फांसी पर रोक: पढें क्या कहा कोर्ट ने और क्या है फैसले के मायने

वियना/ इस्लामाबाद : जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आइसीजे) ने अंतिम फैसला आने तक गुरुवार को रोक लगा दी. इसके साथ ही कोर्ट ने जाधव को राजयनिक पहुंच उपलब्ध करने का भी आदेश दिया. आइसीजे ने भारत के […]

वियना/ इस्लामाबाद : जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आइसीजे) ने अंतिम फैसला आने तक गुरुवार को रोक लगा दी. इसके साथ ही कोर्ट ने जाधव को राजयनिक पहुंच उपलब्ध करने का भी आदेश दिया. आइसीजे ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए पाकिस्तान की करीब सभी दलीलों को खारिज कर दिया. आइसीजे की 11 सदस्यीय पीठ ने यह फैसला एकमत से दिया.

उधर, पाकिस्तान ने फैसले को नकारते हुए कहा कि दुनिया की किसी भी अदालत के पास यह न्याय अधिकार नहीं है कि वह एक संप्रभु राष्ट्र की अदालत द्वारा दिये गये फैसले को पलट दे. पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने कुलभूषण जाधव को फांसी की सुनायी थी और इसके खिलाफ भारत ने आइसीजे में अपील की थी. पिछले आठ मई को अदालत ने भारत व पाकिस्तान का पक्ष सुना था.

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आइसीजे के जज जस्टिस रॉनी अब्राहम ने गुरुवार की दोपहर बाद (भारतीय समयानुसार) फैसला सुनाते हुए कहा कि जाधव को जासूस बताने वाला पाकिस्तान का दावा नहीं माना जा सकता. पाकिस्तान ने जो दलीलें दीं, वे भारत के तर्क के आगे कहीं नहीं ठहरती. अब्राहम ने कहा कि जाधव की गिरफ्तारी विवादित मुद्दा है. अगस्त, 2017 में अंतिम फैसला आने तक उनकी फांसी पर रोक लगी रहनी चाहिए. कोर्ट ने इसके साथ ही पाकिस्तान में जाधव की जान पर खतरे को लेकर भारत की चिंता पर गौर करते हुए पाकिस्तान से कहा कि वह जाधव की सुरक्षा सुनिश्चित करे.

कोर्ट ने कहा, भारत ने इस मामले को वियना संधि के तहत कोर्ट के सामने रखा है. भारत और पाकिस्तान के बीच वियना संधि है. 29 अप्रैल, 1996 को दोनों ने इस पर हस्ताक्षर किये थे. वियना संधि के तहत भारत को अपने नागरिक की मदद करने का पूरा अधिकार है.आइसीजे के इस आदेश के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने वकील हरीश साल्वे को बधाई दी. साल्वे ने ही भारत का पक्ष रखा था. सुषमा ने ट्वीट किया कि पीएम मोदी की अगुआई में सरकार जाधव को बचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी.

कोर्ट में भारत ने कहा था कि जाधव को फांसी की सजा देकर पाकिस्तान ने विएना समझौते का उल्लंघन किया है. जाधव के खिलाफ कोई सुबूत नहीं है. दूसरी तरफ, पाकिस्तान का कहना था कि विएना समझौते के तहत आतंकी गतिविधियों में शामिल जासूस तक राजनयिक पहुंच देने का प्रावधान नहीं है. जाधव पर पाकिस्तान ने जासूसी और तोड़फोड़ की गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है.

क्या कहा कोर्ट ने

अंतिम फैसला आने तक फांसी की सजा पर रोक.

पाक जाधव की सुरक्षा सुनिश्चित करे और किसी दुर्भावना के साथ काम न करे.

मामला विएना संधि के तहत. भारत को जाधव को काउंसलर मुहैया कराने का अधिकार है.

कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी अभी भी विवादास्पद है. यह तय नहीं कि वह जासूस या आतंकी हैं.

मामला इंटरनैशनल कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में है. भारत और पाकिस्तान दोनों इस बात से सहमत हैं कि कुलभूषण भारतीय नागरिक हैं.

फैसले के मायने

अगस्त, 2017 तक फांसी पर रोक रहेगी

पाकिस्तान एक बार फिर सबूत व साक्ष्य देगा

जाधव को राजनयिकों से मिलने देना होगा

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