तोक्यो : जापानी सरकार ने शुक्रवार को उस विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसके तहत बुजुर्ग जापान नरेश अकिहितो राज सिंहासन छोड़ सकते हैं. जापान में पिछली दो शताब्दियों में किसी राजा द्वारा सिंहासन के परित्याग का यह पहला मामला होगा.
मुख्य कैबिनेट सचिव योशीहाइद सुगा ने बताया कि प्रधानमंत्री शिंजो आबे के मंत्रिमंडल ने विधेयक को मंजूरी दी. विधेयक को शीघ्र संसद की अंतिम मंजूरी मिलने की संभावना है. पद त्याग, विधेयक के कानून बनने से तीन साल के भीतर होना चाहिए. इससे पहले खबरें आयी थीं कि 83 वर्षीय अकिहितो दिसंबर 2018 के अंत तक सिंहासन छोड़ सकते हैं और उनकी जगह एक जनवरी, 2019 को युवराज नारुहितो ले सकते हैं.
राजा अकिहितो की पदत्याग की इस इच्छा से जुड़ी खबरें जब पिछले साल जुलाई में सामने आयी थीं, तो 83 वर्षीय राजा के फैसले ने जापान के लोगों को चौंका दिया था. अगस्त में उन्होंने सार्वजनिक रूप से बढ़ती उम्र और गिरती सेहत का जिक्र किया था, जिसे उनके सबसे बड़े बेटे युवराज नारुहितो को राजगद्दी सौंपने की उनकी इच्छा के तौर पर देखा गया. मौजूदा जापानी कानून में राजगद्दी को छोड़ने का कोई प्रावधान नहीं है. इसलिए राजनेताओं को इसे संभव बनाने के लिए कानून बनाने की जरूरत है.
जापान में राजा का दर्जा बेहद संवेदनशील है. ऐसा 20 वीं शताब्दी में अकिहितो के पिता हिरोहितो के नाम पर युद्ध छेड़े जाने के मद्देनजर है. हिरोहितो की 1989 में मृत्यु हो गयी थी.