तेहरान : राष्ट्रपति हसन रुहानी ने ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में शनिवार को दूसरे कार्यकाल के लिए शानदार जीत हासिल की. इसे दुनिया के अन्य मुल्कों के साथ देश के संबंधों के पुनर्निर्माण और देश की संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था को नयी गति प्रदान करने के रुहानी के प्रयासों पर जनता द्वारा मुहर लगाये जाने के तौर पर देखा जा रहा है. गृह मंत्री अब्दुलरजा रहमानी फजली ने सरकारी टेलीविजन पर नतीजे की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि रुहानी को दो करोड़ 35 लाख मत (57 फीसदी) मिले, जबकि उनके कट्टरपंथी प्रतिद्वंद्वी इब्राहिम रईसी को एक करोड़ 58 लाख मत (38.3 फीसदी) मिले. देश में राष्ट्रपति चुनाव के लिए रविवारको 73 फीसदी मतदान हुआ था. इसने अधिकारियों को मतदान की अवधि कुछ घंटे के लिए बढ़ाने पर मजबूर किया था.
उपराष्ट्रपति इश्हाक जहांगीरी ने सरकार के नारे का उल्लेख करते हुए अपने ट्वीट में कहा, ‘मैं विवेक और उम्मीद की राह पर चलते रहने में बड़ी और यादगार रचना करने में ईरानी राष्ट्र को महान जीत की बधाई देता हूं.’ 68 वर्षीय रुहानी ने इसे महती नागरिक स्वतंत्रता और उग्रवाद के बीच चयन का चुनाव बना दिया था. उदारवादी धर्मगुरु रुहानी ने विश्व शक्तियों के साथ 2015 में ईरान का परमाणु समझौता कराया था. 56 वर्षीय कट्टरपंथी रईसी ने खुद को गरीबों के रक्षक के तौर पर पेश किया था और पश्चिम के प्रति अधिक सख्त रुख की वकालत की थी.
हालांकि, रईसी क्रांतिकारी शब्दाडंबर और कामगार तबके के मतदाताओं को अपनी तरफ लुभाने के प्रयास में कामयाब नहीं हुए. इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप के लिए ईरानी विश्लेषक अली वाएज ने कहा, ‘खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में रुहानी को मिला वोट दर्शाता है कि ईरान के लोग आर्थिक लोकलुभावनवाद और रैडिकल बदलाव में अब और विश्वास नहीं करते हैं.’ वाएज ने कहा, ‘उनमें इस बात को समझने की परिपक्वता है कि उनके देश के मुश्किल हालात का समाधान अर्थव्यवस्था के सक्षम प्रबंधन और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सुधार में है.’ रुहानी के पहले कार्यकाल की उपलब्धि अमेरिका के नेतृत्ववाली दुनिया की छह शक्तियों के साथ समझौता कराने की थी, जिसने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अंकुश के बदले में उसपर लगे आर्थिक प्रतिबंधों में ढील का रास्ता साफ किया था.
रुहानी को बुधवार को उस समय राहत मिली जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने परमाणु संबंधी प्रतिबंधों को हटाने का समझौता फिलहाल लागू रखने पर सहमति जतायी. लेकिन ट्रंप ने समझौते की 90 दिवसीय समीक्षा शुरू की है जिसके बाद समझौते को रद्द भी किया जा सकता है और ट्रंप ईरान के कट्टर क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी सऊदी अरब से इस सप्ताहांत मुलाकात कर रहे हैं.