धुएं में न उड़ाएं बच्चों का भविष्य
पैसिव स्मोकिंग अर्थात परोक्ष धूम्रपान बच्चों की रक्त धमनियों को दीर्घकालिक नुकसान पहुंचाती है. इसके अलावा इससे उनकी रक्त नलिकाएं असमय ही विकसित हो जाती हैं. यह जानकारी एक शोध के जरिये सामने आयी है. हृदय से संबंधित यूरोप की पत्रिकाओं में ये जानकारियां छपी हैं. बच्चों की सेहत को खतराशोधकतार्ओं के अनुसार तीन से […]
पैसिव स्मोकिंग अर्थात परोक्ष धूम्रपान बच्चों की रक्त धमनियों को दीर्घकालिक नुकसान पहुंचाती है. इसके अलावा इससे उनकी रक्त नलिकाएं असमय ही विकसित हो जाती हैं. यह जानकारी एक शोध के जरिये सामने आयी है. हृदय से संबंधित यूरोप की पत्रिकाओं में ये जानकारियां छपी हैं.
बच्चों की सेहत को खतरा
शोधकतार्ओं के अनुसार तीन से 18 साल की आयु के बच्चों की सेहत को खतरा है, जिनके माता-पिता दोनों ही सिगरेट पीते हैं. पैसिव स्मोकिंग से होनेवाले खतरे का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. शोध में यह स्पष्ट हुआ है कि धूम्रपान वाले घर में बड़े हो रहे बच्चों की सेहत पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है.
धूम्रपान करता है नुकसान
जिस बच्चे के माता-पिता दोनों धूम्रपान करते हैं जब उनका अल्ट्रासाउंड किया गया तो उसमें यह पाया गया कि बच्चे के गले से सिर तक जानेवाली मुख्य धमनी की दीवारों में कुछ परिवर्तन आये हैं. जांचकतार्ओं का कहना है कि हालांकि धमनी की दीवारों में आया ये तब्दीली मामूली है, लेकिन 20 साल बाद बच्चे के वयस्क हो जाने पर यही परिवर्तन महत्वपूर्ण और असरकारक हो जाते हैं.
शोध करने वाले तस्मानिया विश्वविद्यालय के डॉ सिएना गल का कहना है, ‘हमारा अध्ययन बताता है कि जो बच्चा बचपन में पैसिव स्मोकिंग का शिकार होता है उसकी धमनियों की संरचना को प्रत्यक्ष और अपूरणीय क्षति पहुंचती है.’ उन्होंने बताया, ‘माता-पिता को, बिना देर किये सिगरेट पीना छोड़ देना चाहिए. इससे न केवल उनकी सेहत पर सकारात्मक असर पड़ेगा बल्कि उनके बच्चों को भी भविष्य में बुरी सेहत का सामना नहीं करना पड़ेगा.’ ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन में हृदय रोग की वरिष्ठ नर्स डोरियन मड्डोक का कहना है, यदि ये मुमकिन नहीं तो कम से कम घर या कार में सिगरेट बिल्कुल न पिएं. यह बेहतर विकल्प है.