नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोमवार से शुरू हो रही दो दिवसीय जर्मनी यात्रा के दौरान भारत और जर्मनी कारोबार, निवेश, ऊर्जा के अलावा रक्षा सहयोग को गति प्रदान करने के रास्तों की तलाश करने के संबंध में कई समझौते होंगे.
जर्मनी के राजदूत मार्टिन नेय ने मंगलवार को कहा कि बातचीत के दौरान मोदी और जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल दक्षिण चीन सागर, चीन की वन बेल्ट-वन रोड पहल, आतंकवाद के बढ़ते खतरे समेत कई ज्वलंत वैश्विक मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक सहयोग के बारे में महत्वपूर्ण सहमति पत्र पर हस्ताक्षर होंगे और संयुक्त घोषणाएं भी होंगी. इसके अलावा चौथे भारत-जर्मन अंतर सरकारी विचार विमर्श की सह अध्यक्षता मोदी और मार्केल करेंगे, जो द्विपक्षीय संबंधों में मील का पत्थर होगा.
आतंकवाद की बड़ी चुनौती के रूप में पहचान करते हुए जर्मनी के राजदूत ने कहा कि इस बुराई के खिलाफ लड़ाई में जर्मनी, भारत के साथ है. उन्होंने कहा कि उनका देश भारत सरकार के साथ खुफिया जानकारी साझा कर रहा है. रक्षा सहयोग के बारे में उन्होंने कहा कि जर्मनी रक्षा खरीद के संदर्भ में सरकार से सरकार के स्तर पर समझौता करने को तैयार है और इसके बारे में दोनों पक्ष चर्चा कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘भारत, जर्मनी का सामरिक साझेदार है. हमारी अपनी निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाएं हैं और ये निर्यात के संदर्भ में मार्गदर्शक रहेंगी़.’