मियां-बीवी आमने-सामने

मुजफ्फरनगर: लोकसभा चुनाव में मियां-बीवी एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद कादिर राणा की पत्नी शाहिदा बेगम ने मंगलवार को इस निर्वाचन क्षेत्र से बतौर निर्दलीय नामांकन भरा. रोचक बात यह है कि राणा मुजफ्फरनगर से सांसद हैं, जहां 10 अप्रैल को मतदान है. बसपा ने राणा को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 20, 2014 11:44 AM

मुजफ्फरनगर: लोकसभा चुनाव में मियां-बीवी एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद कादिर राणा की पत्नी शाहिदा बेगम ने मंगलवार को इस निर्वाचन क्षेत्र से बतौर निर्दलीय नामांकन भरा. रोचक बात यह है कि राणा मुजफ्फरनगर से सांसद हैं, जहां 10 अप्रैल को मतदान है. बसपा ने राणा को फिर से लोकसभा चुनाव में उतारा है. वर्ष 2007 में समाजवादी पार्टी छोड़ कर वह राष्ट्रीय लोक दल में शामिल हुए थे. फिर 2009 में ासपा के हाथी पर सवार हो गये. वह उन 10 लोगों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ एसआइटी ने मुजफ्फरनगर दंगे के सिलसिले में आरोप पत्र दायर किया है. उन पर एक मुसलिम पंचायत के दौरान भड़काऊ भाषण देने का आरोप है.

दंगा पीड़ितों के वोट देने पर सवाल
भाजपा विधायक और कैराना से पार्टी के उम्मीदवार हुकुम सिंह ने मुज्जफरनगर दंगों के बाद कैंप में रह रहे लोगों के वोट देने पर सवाल उठाये हैं. सिंह ने कहा है कि कैंप में रहनेवालों का स्थायी पता नहीं है. लिहाजा, उनका वोट गैर-कानूनी है. दंगों के दौरान हुकुम पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में एफआइआर भी दर्ज की गयी थी.

और पार्टी ने उन्हें मुजफ्फरनगर के कैराना से अपना उम्मीदवार बनाया है. सूत्रों की मानें, तो चुनाव आयोग ने भी माना है कि तकनीकी मामला है और जो लोग कैंप में रह रहे हैं, उनके मतदाता पहचान पत्रों की जांच होगी.

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