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उत्तर कोरिया ने किया बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण,6 मिनट तक हवा में रहने के बाद जापान सागर में गिरी मिसाइल

सोल : उत्तर कोरिया ने सोमवार को फिर से एक बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया. हाल के महीनों में उसने कई परीक्षण किये हैं जिससे कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव काफी बढा हुआ है. अमेरिकी प्रशांत कमान ने कहा कि प्योंगयांग की ओर से कम दूरी की मिसाइल का परीक्षण किया गया है. यह मिसाइल छह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 29, 2017 8:55 AM

सोल : उत्तर कोरिया ने सोमवार को फिर से एक बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया. हाल के महीनों में उसने कई परीक्षण किये हैं जिससे कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव काफी बढा हुआ है. अमेरिकी प्रशांत कमान ने कहा कि प्योंगयांग की ओर से कम दूरी की मिसाइल का परीक्षण किया गया है. यह मिसाइल छह मिनट तक हवा में रहने के बाद जापान सागर में गिरी. उसने कहा कि इस परीक्षण को लेकर विस्तृत आकलन किया जा रहा है.

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यह ताजा परीक्षण उस वक्त किया गया है जब अमेरिका ने उत्तर कोरिया को लेकर सख्त रुख अपनाया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते शुक्रवार को कहा था कि उत्तर कोरिया की ‘बडी समस्या’ को ‘हल कर लिया जाएगा. ‘ ट्रंप ने जी-7 शिखर बैठक में जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ मुलाकात के दौरान यह टिप्पणी की. आबे ने आज के परीक्षण की निंदा की और कहा कि अमेरिका के साथ मिलकर ‘ठोस कार्रवाई’ की जाएगी.

अमेरिका की घुड़की के बावजूद उत्तर कोरिया ने फिर किया मिसाइल परीक्षण, जापान सागर तक पहुंचने के पहले ही हो गया फुस्स

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम उत्तर कोरिया की ओर से निरंतर की जा रही उकसावे की कार्रवाई को सहन नहीं करेंगे.’ वाशिंगटन में अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक प्रवक्ता ने कहा कि ट्रंप को इस परीक्षण के बारे में जानकारी दी गयी है. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जाए-इन ने इस परीक्षण के बाद की स्थिति का आकलन करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलायी है. उत्तर कोरिया की ओर से मिसाइल परीक्षण किये जाने और छठे परमाणु परीक्षण की तैयारी को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र द्वारा कडे प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. यही नहीं, ट्रंप प्रशासन ने चेतावनी दी थी कि सैन्य दखल भी एक विकल्प है.

दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टॉफ ने कहा कि आज की मिसाइल की मारक क्षमता करीब 450 किलोमीटर है. जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव योशिहिदे सुगा ने कहा कि लगता है कि यह मिसाइल जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) वाले जलक्षेत्र में गिरी है.

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