मोदी-पुतिन शिखर सम्मेलन: परमाणु ऊर्जा समझौते पर टिकी हैं सभी की नजरें

सेंट पीटर्सबर्ग (रूस) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए गुरुवार को मुलाकात कर रहे हैं और इस दौरान सभी की नजरें रूस की मदद से कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की अंतिम दो इकाइयों के निर्माण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर होने पर टिकीं है. ऐसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2017 12:09 PM

सेंट पीटर्सबर्ग (रूस) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए गुरुवार को मुलाकात कर रहे हैं और इस दौरान सभी की नजरें रूस की मदद से कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की अंतिम दो इकाइयों के निर्माण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर होने पर टिकीं है. ऐसी उम्मीद है कि इस दौरान दोनों देश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, रेलवे और सांस्कृतिक आदान प्रदान समेत कई क्षेत्रों के अलावा निजी पक्षों के बीच भी कारोबारी क्षेत्रों में भी समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे. दोनों नेता एक ‘विजन डॉक्यूमेंट’ भी जारी करेंगे.

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शिखर सम्मेलन का केंद्र बिंदु होगा परमाणु समझौते

यदि परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर हो जाते हैं, तो यह समझौता शिखर सम्मेलन का केंद्र बिंदु होगा. संयंत्र की दोनों इकाइयां भारत की परमाणु ऊर्जा पीढी को महत्वपूर्ण विकास देंगी. दोनों इकाइयों की क्षमता एक-एक हजार मेगावाट विद्युत उत्पन्न करने की होगी. भारतीय अधिकारियों ने बताया कि तमिलनाडु में परमाणु उर्जा संयंत्र की इकाई पांच एवं छह के निर्माण के लिए ऋण सुविधा संबंधी समझौते की भाषा पर काम करने के लिए रुसी अधिकारियों के साथ अंतिम समय की वार्ता हो रही है. इन रिएक्टरों का निर्माण भारत की ‘न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड’ और रुसी परमाणु परिसर के नियामक निकाय रोसाटोम की सहायक कंपनी एट्म्सट्रायएक्पोर्ट कंपनी कर रही है. रुस में भारत के राजदूत पंकज सरन ने कहा, कि दोनों नेताओं के बीच आपसी विश्वास एवं समझ बहुत अच्छी है जो पिछले तीन साल में विकसित हुई है.’ उन्होंने कहा कि आज शिखर सम्मेलन में ‘‘नेता मौजूदा संबंधों की समीक्षा करेंगे और भविष्य के दृष्टिकोण के ब्लूप्रिंट पर चर्चा करेंगे.’

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पहली बार कोई भारतीय पीएम आर्थिक एवं कारोबारी शिखर सम्मेलन में हो रहा है शामिल

मोदी तीन दिवसीय यात्रा पर कल रात रुस के सेंट पीटर्सबर्ग पहुंचे थे. मोदी वार्षिक शिखर सम्मेलन के अलावा सेंट पीटर्सबर्ग अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच में भी भाग लेंगे. पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री आर्थिक एवं कारोबारी शिखर सम्मेलन में शामिल हो रहा है. दोनों देशों के बीच 7.8 अरब डॉलर का कारोबार है जिसमें 2014 की तुलना में कमी आई है. तब यह 10 अरब डॉलर था. दोनों देश अगले पांच साल में व्यापार को 30 अरब डॉलर पहुंचाने के लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं. प्रधानमंत्री पिस्कारियोवस्कोई स्मारक के दौरे के साथ अपनी तीन दिन की रुस यात्रा शुरू करेंगे. द्वितीय विश्व युद्ध में लेनिनग्राद पर हमले के दौरान मारे गये करीब पांच लाख सैनिकों की स्मृति में इसे बनाया गया. इसके बाद पुतिन कोंस्तानतिन पैलेस में मोदी की अगवानी करेंगे जो रुस के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास है. इसी भव्य इमारत में पुतिन दूसरे देशों के नेताओं की मेजबानी करते हैं.

पुतिन मोदी के लिए एक निजी रात्रिभोज का करेंगे आयोजन

सम्मेलन के बाद पुतिन मोदी के लिए एक निजी रात्रिभोज का आयोजन करेंगे जिसमें कोई सहयोगी नहीं होगा. मोदी ने यहां आने से पहले रूस के अखबार रोसिसकाया गजट में छपे एक लेख में लिखा कि आतंकवाद के खिलाफ लडाई में भारत और रुस ‘‘नैसर्गिक साझीदार’ हैं. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के संबंध ‘‘समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं’. मोदी ने लिखा है, ‘‘हम अच्छे और बुरे — हर वक्त में साथ रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत-रुस के संबंध 1947 के बाद नाटकीय रुप से बदले विश्व में सबसे स्थायी रहे हैं. यह समय की कसौटी पर खरे उतरे और मजबूती के साथ विकसित होते गये. हमारे संबंधों का लचीलापन इस तथ्य पर आधारित है कि यह समानता, विश्वास और परस्पर लाभ के सिद्धांतों पर आधारित है.’ प्रधानमंत्री ने भारत में औद्योगिक ढांचे के विकास में पूर्ववर्ती सोवियत संघ के सहयोग की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि दोनों देश उर्जा, दूरसंचार और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में सहयोग के नए क्षेत्र खोल रहे हैं और उच्च प्रौद्योगिकियों में निवेश के लिए उन्होंने फंड स्थापित किये हैं.

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