सेंट पीटर्सबर्ग (रूस) : राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने गुरुवार को कहा कि रूस के पाकिस्तान के साथ ‘घनिष्ठ’ सैन्य संबंध नहीं हैं और भारत के साथ उसकी करीबी दोस्ती को हल्के में नहीं लिया जा सकता. पुतिन ने कहा कि दुनिया में और कोई दूसरा देश नहीं है, जिससे मिसाइल जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में रूस की गहन साझेदारी हो और भारत के साथ सहयोग से वह लाभान्वित होता है. उसी समय पुतिन ने कश्मीर पर एक प्रश्न से बचते हुए कहा कि इस बात का आकलन करना ‘‘आप पर निर्भर करता है” कि क्या पाकिस्तान भारतीय राज्य में आतंकवाद को प्रसारित कर रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन खतरा कहीं से भी हो, यह अस्वीकार्य है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम हमेशा भारत का समर्थन करेंगे.” पुतिन ने आगे कहा कि रूस के भारत के साथ विशेष संबंध हैं, केवल इससे यह अर्थ नहीं निकल जाता कि भारत को अन्य साझेदार देशों के साथ संपर्क सीमित कर लेने चाहिए. यह हास्यास्पद है.
एक दुभाषिये के जरिये बातचीत में रूसी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के साथ हमारे कोई घनिष्ठ सैन्य संबंध नहीं हैं. अमेरिका से क्या आपके हैं?” उन्होंने कहा, ‘‘और निश्चित रूप से पाकिस्तान के साथ हमारे रिश्तों का भारत और रूस के बीच व्यापार पर कोई असर नहीं है.” कुछ वैश्विक समाचार एजेंसियों के संपादकों के चुनिंदा समूह के साथ एक आयताकार मेज के ईद-गिर्द बैठ कर बात करते हुए 64 वर्षीय रूसी नेता ने एक-एक करके प्रश्नों के जवाब दिये. इनमें केवल संपादकों के देशों से जुड़े विषयों पर ही सवाल नहीं थे, बल्कि सीरिया, अमेरिका, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एक उभरती बहुध्रुवीय दुनिया के भविष्य जैसे व्यापक वैश्विक चिंता वाले मुद्दों पर भी प्रश्न थे.
रूस के राष्ट्रपति ने भारत और रूस के गहन रक्षा संबंधों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘भारत एक बड़ा देश है, जिसकी आबादी एक अरब से ज्यादा है. रूस भी बड़ा देश है. रूस और भारत के कई संदर्भ हैं और आपसी हित हैं. हम सभी भारतीय हितों का सम्मान करते हैं.” पुतिन ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि हमें अपने सैन्य सहयोग में आंकड़ों पर जोर देना चाहिए और यह आकार और गुणवत्ता में अभूतपूर्व स्तर पर हैं. लेकिन, दुनिया में और कोई दूसरा देश नहीं है, जिसके साथ हम मिसाइलों जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में गहन सहयोग रखते हैं. भारत के साथ सहयोग से हम लाभान्वित होते हैं. यह भारत के साथ हमारे विश्वास पर आधारित रिश्तों से होता है.” रूसी राष्ट्रपति ने विस्तार से तो नहीं कहा, लेकिन उनका इशारा स्पष्ट रूप से भारत के साथ मिसाइल प्रौद्योगिकी समेत अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी को साझा करने की रूस की दीर्घकालिक आकांक्षा से था.
क्या रूस जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों को रोकने के लिए पाकिस्तान पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करेगा, इस प्रश्न पर उन्होंने कहा, ‘‘हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का हमेशा समर्थन करेंगे. मुझे विश्वास है कि पाकिस्तान अपने यहां हालात को स्थिर करने के लिए बड़े कदम उठा रहा है.” उन्होंने कहा कि भारत और रूस अपनी शिखरवार्ता के तहत इन सभी खतरों पर खुल कर बातचीत कर रहे हैं. भारत हमारे लिए हमारे सबसे करीबी मित्र देशों में है. हम न केवल एक दूसरे को समझते हैं, बल्कि एक दूसरे की सहायता भी करते हैं.
यह बातचीत कोंस्टेनटिन पैलेस में हुई. बड़े-बड़े भवनों वाले इस भव्य परिसर में 18वीं सदी की पेंटिंग, खूबसूरत जलमार्ग, लॉन और गल्फ ऑफ फिनलैंड की ओर निहारते पवेलियन देखे जा सकते हैं.