वाशिंगटन: दुनिया में सबसे अधिक प्रदूषण फैलाकर ग्रीन हाउस को क्षरण करने वाले देश के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दादागिरी दिखाते हुए खुद को पेरिस समझौते से खुद को अलग कर लिया है. कुल मिलाकर यह कि ग्लोबल वार्मिंग से मुकाबले में अंतरराष्ट्रीय प्रयासों से अमेरिका ने खुद को अलग कर लिया है.
ट्रंप ने व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में कहा कि हमारे नागरिकों के संरक्षण के अपने गंभीर कर्तव्यों को पूरा करने के लिए अमेरिका पेरिस जलवायु समझौते से हट जायेगा. हम उससे हट रहे हैं और फिर से बातचीत शुरु करेंगे. ट्रंप ने कहा कि वह चाहते हैं कि जलवायु परिवर्तन को लेकर पेरिस समझौते में अमेरिकी हितों के लिए एक उचित समझौता हो. पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ट्रंप की निंदा करते हुए एक बयान में कहा कि अमेरिका समझौते का पालन ना कर भविष्य की पीढ़ियों के भविष्य का नुकसान करेगा. वहीं, यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जीन क्लाउडे जंकेर ने ट्रंप के कदम को एक गंभीर गलत फैसला करार दिया.
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्वीट किया कि मैं गुरुवार को तीन बजे दिन में पेरिस समझौते पर अपने फैसले का ऐलान करूंगा. व्हाइट हाउस रोज गार्डेन. मेक अमेरिका ग्रेट अगेन. ट्रंप की घोषणा का जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई पर दूरगामी असर पड़ने वाला है और खासकर भारत एवं चीन जैसे देशों में इसका असर होगा. अमेरिका दुनिया में सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाला देश है. अमेरिकी राष्ट्रपति अक्सर कहते हैं कि अमेरिका ने पेरिस में सही सौदा नहीं किया. पेरिस समझौते पर 190 से अधिक देशों ने सहमति जतायी थी और इसकी पहल इससे पहले के अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने खुद की थी.