देश में कोरोना संक्रमण के नये वैरिएंट ने दस्तक दे दी है. झारखंड की राजधानी रांची के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में अबतक जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन नहीं लगी है. खतरा बढ़ रहा है और समस्या से निपटने के लिए तैयारी अब भी तेज नहीं है. देश में कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर बढ़ रहे हैं. खासकर बच्चों में संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं.राजधानी दिल्ली व एनसीआर के स्कूलों में आए दिन बच्चों के संक्रमण की खबर आ रही है. दिल्ली में गुरूवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 300 से ज्यादा नए मामले सामने आए और संक्रमण की दर बढ़कर 2.39 प्रतिशत हो गई.
रिम्स के एकेडमिक भवन के पांचवें तल्ले पर अभी जीनोम सिक्वेंसिंग लैब तैयार ही किया जा रहा है. इसे पूरी तरह तैयार होने में अब भी 15 से 20 दिनों का समय लगने की संभावना है. जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन का दूसरा पार्ट भी आना बाकी है. इसके आने में भी 15 दिन से अधिक समय लगेगा.
ऐसे में अप्रैल के अंत तक या मई के प्रथम सप्ताह से नये वेरिएंट की पहचान राज्य में हो सकेगी. एनएचएम द्वारा वर्ष 2021 के दिसंबर में जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन के आधे पार्ट के लिए निविदा निकाली गयी थी. अमेरिकी कंपनी को पांच करोड़ से मशीन मंगाने का आदेश दिया गया. इसके बाद फिर से आधे भाग के लिए निविदा निकाली गयी, जिसकी प्रक्रिया अभी चल रही है. रिम्स प्रबंधन का कहना है कि 18 अप्रैल तक मशीन लगाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. इसके बाद इंस्टॉल किया जायेगा.
अब सवाल है खतरा कितना बड़ा है, अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू हो गयी हैं. ऐसे में कोरोना के नये वेरिएंट एक्स-ई का झारखंड पहुंचना संभव है नये वायरस का फैलाव तेजी से होगा. हालांकि, यह डेल्टा या डेल्टा प्लस की तरह खतरनाक नहीं होगा. इसका प्रभाव कम रहेगा इसके बावजूद भी नया वायरस बड़े संक्रमण के रूप में सामने खड़ा है.