लोहरदगा-लातेहार सीमा पर बुलबुल जंगल में चौतरफा घिरे नक्सली अब हिम्मत हारने लगे हैं. अब इन इलाकों में सिर्फ चार बड़े नक्सली बचे है. जिनमें 15 लाख इनामी रविंद्र गंझू, 15 लाख इनामी छोटू खेरवार, 10 लाख इनामी मुनेश्वर गंझू और दो लाख इनामी लाज़िम अंसारी शामिल है. इनके सभी साथी पकड़े जा चुके हैं, कुछ मारे जा चुके हैं और कुछ घायल हैं.
12 दिनों तक चले इस अभियान के दौरान तीन जवान भले ही जख्मी हुए, लेकिन सुरक्षा बलों का हौसला कम नहीं हुआ.एक लाख का इनामी एक नक्सली मुठभेड़ में मारा गया, दस लाख के इनामी सहित नौ नक्सली गिरफ्तार किए गए. भारी मात्रा में कारतूस व हथियारों की भी बरामदगी हुई. बुलबुल जंगल पर अब सुरक्षा बलों का कब्जा हो गया है. नौ नक्सलियों की गिरफ्तारी से रीजनल कमांडर रविंद्र गंझू का दस्ता बिखर गया है.
नक्सलियों ने इस जगह को सुरक्षित पनाह बना लिया था. जंगल के कई रास्तों में आईईडी लगा रखे थे. वर्तमान में यह जंगल नक्सलियों का प्रमुख शरणस्थली था.बनाये गये बंकर में घर की तरह दरवाजा लगा रखा था. इसका राजफाश भी पुलिस द्वारा चलाये जा रहे अभियान में हुआ.
बुलबुल जंगल में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस ने 10 लाख का इनामी जोनल कमांडर बलराम उरांव को गिरफ्तार किया. बलराम पर 82 मामले दर्ज है. इसके अलावा सब जोनल कमांडर दशरथ सिंह खेरवार पर 7 मामले, एरिया कमांडर मारकुश नगेसिया पर 10 मामले, सेल सदस्य शैलेश्वर उरांव पर 2 मामले, मुकेश कोरबा पर 2 मामले, विरेन कोरबा पर 2 मामले, शैलेंद्र नगेसिया पर 2 मामले, संजय नगेसिया पर 2 मामले तथा सेल सदस्य शीला खेरवार पर 2 मामले विभिन्न थानों में दर्ज है.
10 फरवरी से शुरू किये गये नक्सलियों के विरुद्ध अभियान में नक्सलियों के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में दोनों ओर से 50 राउंड गोलिया चली. 11 फरवरी को सर्च अभियान के क्रम में बुलबुल जंगल में आईईडी ब्लास्ट में कोबरा बटालियन के जवान दिलीप कुमार और नारायण दास घायल हो गये थे.
सर्च अभियान में पुलिस ने नक्सलियों का हथियार, गोली तथा विस्फोटक बरामद किया. 14 फरवरी को घघारी, गोताक और मराईन जंगल में सर्च अभियान के क्रम में उग्रवादियों का बंकर पाया गया. इस बंकर में नक्सलियों के खाने पीने सहित हथियार पुलिस ने बरामद किया था. बंकर को ध्वस्त कर दिया गया.