झारखंड आंदोलन के अगुआ और नागपुरी के प्रसिद्ध गायक मधु मंसूरी हंसमुख ने प्रभात खबर से खास बातचीत में अपने जीवन के कई पहलुओं को उजागर किया. झारखंड आंदोलन के वक्त अपनी भूमिका पर भी विस्तार से बात की. मधु मंसूरी हंसमुख का जन्म 4 सितंबर, 1948 में राजधानी रांची से सटे रातू सिमलिया में हुआ था. उनकी शिक्षा मैट्रिक तक हुई. मेकॉन से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने पूरा जीवन नागपुरी भाषा साहित्य, कला संस्कृति और गायन को समर्पित कर दिया. हंसमुख 50 वर्षों से अधिक समय से नागपुरी गीत गाते चले आ रहे हैं. उनके गीतों में वृत्तचित्र ‘लोहरदगा एक्सप्रेस’ के टाइटल सॉंग काफी प्रचलित हुए. इसके साथ ही झारखंड की सभ्यता और संस्कृति के साथ ही प्रकृति के रहस्यों को भी अपने गीतों में शामिल किया है. उनके गीतों की खासियत यह है कि उसमें लोक परंपराएं समाहित हैं.
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पद्मश्री मधु मंसूरी हंसमुख के संघर्ष के सफर की पूरी कहानी, देखें वीडियो
झारखंड आंदोलन के अगुआ और नागपुरी के प्रसिद्ध गायक मधु मंसूरी हंसमुख ने प्रभात खबर से खास बातचीत में अपने जीवन के कई पहलुओं को उजागर किया. झारखंड आंदोलन के वक्त अपनी भूमिका पर भी विस्तार से बात की.
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