दरभंगा जिले के कमतौल में खादी ग्रामोद्योग भवन में फिर से रौनक लौटने का इंतजार
एक दौर था जब दरभंगा जिले के कमतौल में भी खादी ग्रोमोद्योग भवन की स्थापना की गयी थी. यहां बड़ी संख्या में महिला-पुरुष काम करते थे. अच्छा कारोबार होता था और आज भवन खंडहर बन चुका है. ग्रामीण कमतौल खादी ग्रामोद्योग में फिर उत्पादन शुरू होने का इंतज़ार कर रहे हैं. उन्हें फिर रौनक लौटने की उम्मीद है. पुराने कारीगर केंद्र और राज्य सरकारों की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं. ग्रामीण खादी भंडार को नये रंग रूप में देखना चाहते है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों को फिर से जीना चाहते है.
एक दौर था जब दरभंगा जिले के कमतौल में भी खादी ग्रोमोद्योग भवन की स्थापना की गयी थी. यहां बड़ी संख्या में महिला-पुरुष काम करते थे. अच्छा कारोबार होता था और आज भवन खंडहर बन चुका है. ग्रामीण कमतौल खादी ग्रामोद्योग में फिर उत्पादन शुरू होने का इंतज़ार कर रहे हैं. उन्हें फिर रौनक लौटने की उम्मीद है. पुराने कारीगर केंद्र और राज्य सरकारों की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं. लोग खादी भंडार को नये रंग-रूप में देखना चाहते है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों को फिर से जीना चाहते हैं.