बिहार: फुलौत के गुलाब जामुन के क्यों दीवाने हैं लोग, डॉक्टर-वकील भी फीस में यही करते हैं डिमांड
पटना और दिल्ली तक जाती है मधेपुरा जिला के फुलौत की मिठास, लेकिन आज भी इस गांव की किस्मत नहीं बदली है
कुमार आशीष, मधेपुरा
Gulab Jamun: मधेपुरा जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दक्षिण और भागलपुर जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर उत्तर फुलौत अपनी मिठास के लिए प्रसिद्ध है. फुलौत भले ही छोटा बाजार है, लेकिन यहां बनने वाला गुलाब जामुन इस बाजार को बहुत बड़ा बना देता है. यह गुलाब जामुन शुद्ध और देसी घी में ही बनता है. शुद्ध घी भी कहीं बाहर से नहीं आता है, बल्कि देसी तरीके से यहीं बनता है. पर्याप्त संख्या में पशु पालन होने के कारण फुलौत में दूध की भी कोई कमी नहीं है, जिससे खोआ भी यहीं तैयार होता है.
सगे-संबंधियों की रहती है यही डिमांड
फुलौत में बना गुलाब जामुन सिर्फ अपने जिले में ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार के साथ राज्य से बाहर भी प्रसिद्ध है. आसपास के लोग अपने घरों में खाने के अलावा अपने सगे-संबंधियों के यहां भी यही संदेश भेजते हैं. लोगों ने तो बताया कि मधेपुरा और भागलपुर में डॉक्टर या वकील भी यहां के लोगों से फीस की जगह फुलौत के गुलाब जामुन का ही डिमांड करते हैं.
पटना से लेकर दिल्ली तक के राजनेताओं को यहां का गुलाब जामुन काफी भाता है. लेकिन उनकी नजर यहां की तंग गलियों पर नहीं पड़ती है और न ही यहां के इस बेहतर उत्पाद को रोजगार का रूप देने की ही कोई योजना बनाई है. सरकार यदि इस ओर ध्यान दे तो देश भर में फुलौत की मिठास फैल जायेगी और फुलौत समृद्ध हो जायेगा.