सफरनामा: प्रभात खबर के 25 साल, जन चेतना और मानवीय संवेदना वाली पत्रकारिता का नारा ‘बिहार जागे, देश आगे’
Prabhat Khabar 25th Years: बिहार में सर्वाधिक लोकप्रिय हिंदी अखबार प्रभात खबर ने 25 साल पूरे कर लिए. इस उपलब्धि पर हर बिहार वासी को नाज है. प्रभात खबर ने एक अखबार के तौर पर नहीं, एक क्रांति, एक जन-चेतना, मानवीय मूल्यों को सबसे ऊपर रखकर पत्रकारिता की. फिर चाहे बात खबरों के चयन की हो या फिर बदलते दौर की तकनीक के हिसाब से खुद को बदलने की. 11 जुलाई 1996 को प्रभात खबर ने बिहार में अपनी यात्रा शुरू की.
Prabhat Khabar 25th Years: बिहार में सर्वाधिक लोकप्रिय हिंदी अखबार प्रभात खबर ने 25 साल पूरे कर लिए. इस उपलब्धि पर हर बिहार वासी को नाज है. प्रभात खबर ने एक अखबार के तौर पर नहीं, एक क्रांति, एक जन-चेतना, मानवीय मूल्यों को सबसे ऊपर रखकर पत्रकारिता की. फिर चाहे बात खबरों के चयन की हो या फिर बदलते दौर की तकनीक के हिसाब से खुद को बदलने की. 11 जुलाई 1996 को प्रभात खबर ने बिहार में अपनी यात्रा शुरू की. यह यात्रा 25वें साल में प्रवेश कर चुकी है. प्रिंट मीडियम में सफर शुरू करने वाले प्रभात खबर ने डिजिटल दौर की पत्रकारिता भी की. आज प्रिंट से लेकर डिजिटल माध्यम में भी प्रभात खबर की देश-दुनिया में मौजूदगी है.