उत्तराखंड में सभी लोग मतदान कर सकें और लोकतंत्र के इस महापर्व में सबकी सहभागिता हो इसके लिए विशेष व्यस्था की जायेगी. यह पहला अवसर होगा जब दिव्यांग और गर्भवती महिलायें डोली और डंडी-कंडी पर सवार होकर मतदान केंद्र तक लाया जायेगा. राज्य निर्वाचन आयोग की यह व्यवस्था मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के हो रही है.
उत्तराखंड में मतदान का प्रतिशत अच्छा हो लोग अपने घरों से निकले इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. चुनाव आयोग उन महत्वपूर्ण कारणों का पता लगा रहा है जिस वजह से लोग मतदान केंद्रों तक नहीं पहुंच पाते और उन समस्याओं को हल करने की रणनीति भी तैयार कर रहा है.
सीमांत जनपद उत्तरकाशी के मोरी, भटवाड़ी तथा नौगांव ब्लॉक के सुदूरवर्ती बर्फबारी वाले बूथों पर मतदान प्रतिशत बढ़ाने की चुनौती रहती है. निर्वाचन 2022 सफल एवं शान्ति पूर्ण रूप से सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता (SVEEP) कार्यक्रम के अंतर्गत मंगलवार को जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन जिलाधिकारी श्री मयूर दीक्षित एवं मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार ने कलेक्ट्रेट परिसर में स्वीप कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए हस्ताक्षर कर जन जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया. वहीं जनपद में आज से कर्मचारियों की ट्रेनिंग होनी शुरू हो गई है.
बर्फबारी के कारण अधिकांश मतदाता असुविधाओं के कारण मतदान केंद्रों तक नहीं पहुंच पाते हैं. इनमें दिव्यांग और गर्भवतियों को मतदान केंद्र तक पहुंचाना चुनौती रहा है. लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. प्रशासन इन्हें खुद बूथ तक लाएगा. इसके लिए डोली के डंडी और कंडी की व्यवस्था की जा रही है. इसे लेकर वोटर चिन्हित किए जा रहे हैं जो स्वास्थ्य कारणों की वजह से बूथ तक पहुंचने में असमर्थ हैं.
साथ ही जिले की सभी गर्भवती महिलाओं की सूची भी तैयार की जा रही है. उनके लिए भी प्रशासन की ओर से डोली की व्यवस्था की जायेगी . उत्तरकाशी जिले में 4216 महिला मतदाता ऐसी हैं जो गर्भवती हैं और इनमें भी 754 का प्रसव 16 फरवरी तक होना है. साथ ही जिले में 3255 दिव्यांग मतदाता हैं, इन्हें भी बूथ तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है.