झारखंड की राजनीति के संत माने जाने वाले धनबाद से 3 बार सांसद रहे एके राय के साथ साया की तरह रहने वाले पंचम प्रसाद उर्फ राम लाल. वर्ष 1972 में सिंदरी के तत्कालीन विधायक रहे एके राय के संपर्क में आने के बाद रामलाल ने एके राय के साथ पूरा जीवन निर्वहन किया. श्री राय की तरह ही राम लाल भी पार्टी कार्यालय में ही 24 घंटे रहते हैं. बिहार कोलियरी कामगार यूनियन के कोषाध्यक्ष हैं. 1977 में लोकसभा चुनाव लड़ते समय एके राय जेल में थे. उस वक्त राम लाल जैसे कुछ समर्पित लोगों ने ही बाहर में चुनाव प्रचार की व्यवस्था संभाल रखी थी. श्री राय ने सांसद के रूप में कभी कोई सुविधा नहीं ली. यहां तक कि संसद के अंदर सांसदों के पेंशन लेने पर भी सवाल उठाए. कहा कि इसे बंद कर देना चाहिए. सभी दलों के सांसदों ने इस मुद्दे पर एके राय का विरोध किया. पूरा जीवन मासस के खपड़ैल के दफ्तर में जमीन पर ही सोकर बिताने वाले एके राय के सिर के नीचे कभी तकिया न रहा. सिर के नीचे ईंट रखकर सो जाते थे. जीवन भर रबड़ की चप्पल पहनी. कुर्ता-पायजामा कभी आयरन करके नहीं पहनी. केमिकल इंजीनियर की नौकरी छोड़कर पूरा जीवन जनता की सेवा में बिता दिया. धनबाद से तीन बार सांसद तथा सिंदरी से तीन बार विधायक रहे. राम लाल ने तब के चुनाव और अब के चुनाव की परिस्थितियों पर प्रभात खबर (prabhatkhabar.com) से एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस वीडियो में आप भी देखिए.
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VIDEO: आज भी एके राय के आदर्शों पर चल रहे राम लाल, देखें तब और अब के चुनाव में क्या है फर्क
झारखंड में कई ऐसे नेता हुए, जिन्होने नैतिकता के उच्च मानदंड स्थापित किए. ऐसे ही नेता थे एके राय. उनके साथ रहने वाले राम लाल आज भी उनके आदर्शों पर ही चलते हैं.
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