14 फरवरी 2016 का दिन बगोदर थाना क्षेत्र के गैंडा – संतुरपी वा बगोदर वासियों के इतिहास के पन्नों में काली तारिख के तौर पर दर्ज है . इसी दिन को याद कर आज भी बगोदर इलाके के लोग सिहर उठते हैं. बगोदर के इतिहास में ये एक बड़ी सड़क दुर्घटना थी, जिसमें बच्चे समेत 12 लोगों की दर्दनाक मौत का गवाह विसर्जन जुलूस बना था. जिसे लेकर मंगलवार को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर उन मृतकों को नमन किया गया. जहां सभी मृतकों की याद में श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन धारण किया गया. यह घटना आज भी लोगों के जहन में याद है जब संतुरपी जीटी रोड सरस्वती पूजा के दौरान उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय संतुरपी के स्कूली बच्चों के द्वारा माँ सरस्वती की विसर्जन जुलूस निकाला गया था.
जहां जुलूस में शामिल गांव के लोगों के साथ छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल थे. जुलूस गैंडा की और जा रही थी. सभी डीजे की धुन में माँ सरस्वती की प्रतिमा विसर्जन नाचते गाते जा रहे थे. इसी बीच बगोदर की और से आ रही एक तेज रफ्तार में एक कंटेनर वाहन ने जुलूस में शामिल लोगों को रौंदते हुए निकली गयी. जिस घटना में करीब 12 लोगों की मौत हो गई थी. वही आधे दर्जन लोग घायल भी हो गए. घटना से बगोदर ही नहीं पूरे झारखंड में कोहराम मच गया था. इसे लेकर परिजनों को घटना के बाद मुआवजा राशि तो मिल गई लेकिन उन्हें आश्वासन के तौर पर दि गई सरकारी नौकरी ठड़े बस्ते में पड़ी है, जिसका मलाल भी परिजनों को है.
घटना के सात साल बीतने के बाद भी आज घटना को याद कर सिहर उठते हैं. हर लोग उस काल रूपी बन कर आई कंटेनर को सोच कर एक गहरे सोच में पड़ जाते हैं. इसे लेकर 14 फरवरी को सातवी पुण्यतिथि मनायी जा रही है. जहां बगोदर के जनप्रतिनिधी के आलवे आम अवाम श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए. हादसे के बाद भी प्रशासन ने कोई सबक नहीं सिखा है. बीते तीन साल 14 फरवरी 2016 को हुई सड़क हादसों के बाद भी क्षेत्र में अन्य कई सड़क दुर्घटना घटी. लेकिन मौजूद दौर में बगोदर में सड़क यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए बगोदर चौक से लेकर थाना के समीप हज़ारीबाग जाने वाली मोड़ पर अब तक ट्रेफिक पुलिस की सुचारू रूप से नियुक्त नहीं किया जा सका. जिससे आज भी बगोदर चौक पर घटनाओं से डर के साये में लोग चलते हैं. ट्रेफिक व्यवस्था को लेकर अब-तक किसी भी तरह से पहल नहीं की गई है.