धरती के पार खुले मानव सभ्यता के द्वार? शुक्र ग्रह पर बढ़ी जीवन की संभावना…
अंतरिक्ष हमेशा से अपने रहस्यों से दुनियाभर के वैज्ञानिकों को अपनी तरफ आकर्षित करता रहा है. इसी बीच वैज्ञानिकों का दावा है कि शुक्र ग्रह पर जीवन की संभावना है. वैज्ञानिकों ने शुक्र ग्रह के वायुमंडल में फॉस्फीन गैस की खोज की है. वैज्ञानिकों के मुताबिक यह फास्फोरस के कण और तीन हाइड्रोजन के कणों से मिलकर बना है. फॉस्फीन का संबंध मानव जीवन से है. फॉस्फीन को ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में माइक्रो बैक्टीरिया उत्सर्जित करते हैं. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक फॉस्फीन गैस को कारखानों में भी बनाया जा सकता है. जबकि, शुक्र ग्रह पर कारखानों का प्रमाण नहीं है. इसको देखते हुए वैज्ञानिक पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर फॉस्फीन गैस शुक्र ग्रह पर कैसे मिली है? दूसरी तरफ ‘नेचर एस्ट्रोनॉमी’ नामक जर्नल में रिसर्च पेपर पब्लिश किया गया है. इसमें शुक्र ग्रह पर फॉस्फीन गैस के मिलने से जुड़ी बातों का जिक्र किया गया है. रिसर्च पेपर में फॉस्फीन के अणु के बनने के कारणों के बारे में बताया गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि वैज्ञानिकों की टीम ने शुक्र पर जीवन मिलने का दावा नहीं किया है. बस, फॉस्फीन गैस के जरिए जीवन के संकेत खोजने की कोशिश हो रही है. यह भी पता लगाने की कोशिश है कि क्या शुक्र ग्रह पर मानव सभ्यता विकसित हो सकती है या नहीं.
अंतरिक्ष हमेशा से अपने रहस्यों से दुनियाभर के वैज्ञानिकों को अपनी तरफ आकर्षित करता रहा है. इसी बीच वैज्ञानिकों का दावा है कि शुक्र ग्रह पर जीवन की संभावना है. वैज्ञानिकों ने शुक्र ग्रह के वायुमंडल में फॉस्फीन गैस की खोज की है. वैज्ञानिकों के मुताबिक यह फास्फोरस के कण और तीन हाइड्रोजन के कणों से मिलकर बना है. फॉस्फीन का संबंध मानव जीवन से है. फॉस्फीन को ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में माइक्रो बैक्टीरिया उत्सर्जित करते हैं. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक फॉस्फीन गैस को कारखानों में भी बनाया जा सकता है. जबकि, शुक्र ग्रह पर कारखानों का प्रमाण नहीं है. इसको देखते हुए वैज्ञानिक पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर फॉस्फीन गैस शुक्र ग्रह पर कैसे मिली है? दूसरी तरफ ‘नेचर एस्ट्रोनॉमी’ नामक जर्नल में रिसर्च पेपर पब्लिश किया गया है. इसमें शुक्र ग्रह पर फॉस्फीन गैस के मिलने से जुड़ी बातों का जिक्र किया गया है. रिसर्च पेपर में फॉस्फीन के अणु के बनने के कारणों के बारे में बताया गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि वैज्ञानिकों की टीम ने शुक्र पर जीवन मिलने का दावा नहीं किया है. बस, फॉस्फीन गैस के जरिए जीवन के संकेत खोजने की कोशिश हो रही है. यह भी पता लगाने की कोशिश है कि क्या शुक्र ग्रह पर मानव सभ्यता विकसित हो सकती है या नहीं.