Sarhul: झारखंड में काफी मशहूर है सरहुल का त्योहार, जानें क्या है इसकी शोभायात्रा से जुड़ा इतिहास
Sarhul: झारखंड के लोगों के लिए काफी खास है सरहुल का त्योहार, ऐसे में जानें क्या है इसका इतिहास और इसकी शोभायात्रा की कब हुई थी शुरुआत.
Sarhul: सरहुल सरना समाज के लोगों द्वारा मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है. ये पर पूरे झारखंड में और देश के कई अन्य हिस्सों में खूब धूमधाम से मनाया जाता है. दरअसल, सरहुल के समय प्रकृति में बदलाव आता है और खास तौर से इस वक्त हमलोग नए फूल और पत्तों को उगते हुए देखते हैं. इस पर्व में नाच गाने, पूजा अर्चना के साथ खास तौर से एक शोभायात्रा की जाती है. इसकी शुरुआत 1967 में हुई थी जो कि आदिवासी नेता कार्तिक उराओं द्वारा की गई थी. इस दिन आदिवासी समुदाय के लोग अपने घर में खास तौर से सफेद और लाल रंग के झंडे लगाते हैं. इस दिन लोग शोभायात्रा के माध्यम से प्रकृति को बचाने का संकेत देते हैं. इसके साथ ही कई अन्य तरह की मान्यताएं भी इस दिन को लेकर जुड़ी हुई हैं.
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