Sarva Pitru Amavasya 2022 Date: सर्वपितृ अमावस्या आज, महत्व जानें

Sarva Pitru Amavasya 2022: सर्वपितृ अमावस्या आज है. जो लोग पितृपक्ष के 14 दिनों तक श्राद्ध तर्पण आदि नहीं कर पाते हैं, वे सर्वपितृ अमावस्या या महालया के दिन ही पिंडदान करते हैं, जिन्हें पितृ के मृत्यु की तिथि याद नहीं हो इस तरह अज्ञात तिथि वालों का श्राद्ध सर्वपितृ अमावस्या में ही किया जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2022 6:34 AM

महालया, सर्वपितृ अमावस्या के दिन बन रहा दुर्लभ संयोग, जानें इसका महत्व

Sarva Pitru Amavasya/ Mahalaya 2022: इस वर्ष 25 सितम्बर 2022 रविवार को स्नान-दान सहित सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध एवं पितृविसर्जन महालया पर्व के रूप में सम्पन्न होगा. इस वर्ष महालया के दिन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र अहोरात्र, सूर्य कन्या राशि में,चन्द्रमा सिहं राशि में दिवा 12.16 के उपरांत कन्या राशि में प्रवेश करेंगे. शुभ योग, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के होने के कारण इस दिन महान दुर्लभ संयोग बन रहा है जो सर्व पितृअमावस्या का श्राद्ध तथा महालया पर्व के लिए सर्वोत्तम है. गरूड़पुराण, वायुपुराण,अग्निपुराण आदि शास्त्रों के अनुसार- महालया जो पितृ पक्ष का अंतिम दिन है, जो लोग पितृपक्ष के 14 दिनों तक श्राद्ध तर्पण आदि नहीं कर पाते हैं, वे महालया के दिन ही पिंडदान करते हैं, जिन्हें पितृ के मृत्यु की तिथि याद नहीं हो इस तरह अज्ञात तिथि वालों का श्राद्ध, तर्पण इसी महालया के दिन ही किया जाता है. ’महालय” शब्द का आक्षरिक अर्थ आनन्दनिकेतन है. अति प्राचीन काल से मान्यता है कि आश्विन कृष्ण पक्ष प्रतिपद से आश्विन कृष्णा पंचदशी अर्थात् अमावस्या तक प्रेतलोक से पितृपुरूष के आत्मा मत्युलोक अर्थात् धरती में आते हैं अपने प्रियजनों के माया में और महालया के दिन पितृ लोगों आना सम्पूर्ण होता है.

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