सावन के अंतिम सोमवार को रक्षा बंधन के साथ पूर्णिमा, बना रहा मनोकामना पूर्ति का खास योग
रक्षा बंधन के दिन ही सावन की अंतिम सोमवारी भी है. इस दिन पूर्णिमा तिथि भी है. एक ही दिन सावन सोमवार और पूर्णिमा होने से सौम्या तिथि बन रही है. इसे भगवान शिव की पूजा के लिए बहुत ही अच्छा संयोग माना जाता है. इस दिन भगवान शिव की आराधना काफी अधिक फलदायी साबित होगी. इस दिन सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाला सर्वार्थ सिद्धि योग लग रहा है. यह योग दोपहर 12 बजे से अगले दिन सुबह 5 बजकर 44 मिनट तक रहेगा. इस दौरान भगवान शिव की आराधना सभी मनोकामना पूरी होती है.
सावन का आखिरी सोमवार तीन अगस्त को है. इस दिन कई संयोग बन रहे हैं. इसी दिन रक्षा बंधन भी है. कोरोना संकट के बीच रक्षा बंधन काफी स्पेशल है. बहनों की मानें तो वो सुरक्षा को लेकर सचेत हैं. बहनें भाईयों को सलाह भी दे रही हैं. खास बात यह है कि रक्षा बंधन के दिन ही सावन की अंतिम सोमवारी भी है. इस दिन पूर्णिमा तिथि भी है. एक ही दिन सावन सोमवार और पूर्णिमा होने से सौम्या तिथि बन रही है. इसे भगवान शिव की पूजा के लिए बहुत ही अच्छा संयोग माना जाता है. इस दिन भगवान शिव की आराधना काफी अधिक फलदायी साबित होगी. इस दिन सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाला सर्वार्थ सिद्धि योग लग रहा है. यह योग दोपहर 12 बजे से अगले दिन सुबह 5 बजकर 44 मिनट तक रहेगा. इस दौरान भगवान शिव की आराधना से सभी मनोकामना पूरी होती है. ज्योतिष में सर्वार्थ सिद्धि योग को बेहद शुभदायक माना जाता है. यह योग दिन और नक्षत्र के मिलन होने पर बनता है. सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि योग अनुराधा, पुष्य, रोहिणी, मृगशिरा या श्रवण नक्षत्र के आगमन पर बनता है. 3 अगस्त को सर्वार्थ सिद्धि योग श्रवण नक्षत्र के अंतर्गत बन रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग किसी भी नये तरह का करार करने का सबसे अच्छा समय होता है. इस योग के प्रभाव से नौकरी, परीक्षा, चुनाव, खरीदी-बिक्री से जुड़े कार्यों में शत-प्रतिशत कामयाबी मिलती है.