संताल आदिवासियों का पर्व सोहराय झारखंड की लोक संस्कृति और परंपरा की पहचान है. पशुधन को सम्मान देने और खेतों में अच्छी फसल होने को सेलिब्रेट करने का पर्व है सोहराय. शरद ऋतु में मनाया जाना वाला सोहराय पर्व धान की फसल पककर तैयार हो जाने की खुशी में मनाया जाता है. सोहराय पर्व पांच दिन तक मनाया जाता है. संताल आदिवासी अपने घरों को सजाते हैं. लिपाई-पुताई करते हैं. घर की दीवारों पर लोकचित्र बनाते हैं.
Posted By- Suraj Thakur