मध्यकाल में भक्ति आंदोलन के प्रणेता संत कबीर ने ये लोगों के जीवन में शिक्षक का महत्व बताने के लिये ये दोहा लिखा था. उन्होंने कहा था कि जीवन में इश्वर से भी उंचा स्थान गुरु का होता है. क्योंकि गुरु ही हमारी पहचान इश्वर से करवाता है. जाहिर है. कोई अपनी जिंदगी में क्या बनेगा ये गुरु की शिक्षा तय करती है.
इस वीडियो स्टोरी में हम उन गुरुओं की चर्चा करने जा रहे हैं जिन्होंने हिन्दुस्तान का भाग्य और इतिहास बदल दिया.
Posted By- Suraj Kumar Thakur