बिहार के 112वें स्थापना दिवस पर शिक्षकों और बच्चों का खास अंदाज, मानव शृंखला बनाकर दिया सशक्त और समृद्ध बिहार का संदेश
शुक्रवार को बिहार दिवस के अवसर पर विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को बिहार के इतिहास व महत्व के बाबत जानकारी दी गयी. बिहार के गौरवशाली इतिहास से छात्र-छात्राओं को प्रधानाध्यापक द्वारा अवगत कराया गया. बच्चों और शिक्षकों ने इस मौके पर मानव शृंखला भी बनाया.
बिहार का अतीत गौरवशाली रहा है. प्रगतिशील वर्तमान तथा सुनहरे भविष्य को गढ़ने के लिए शिक्षक की भूमिका सर्वोपरि है. सृजनात्मक व शिक्षित, विकसित बिहार बनाने के लिए शिक्षक अपनी महत्ती भूमिका का निर्वहन कर भी रहे हैं. बिहार के 112 वें स्थापना दिवस के अवसर पर बगहा अनुमंडल अंर्तगत पिपरासी प्रखंड के उच्च माध्यमिक विद्यालय डुमरी-भगड़वा व मध्य विद्यालय लछनही में शिक्षक तथा बच्चों ने शृंखला बनाकर विकसित, शिक्षित, समृद्ध, सशक्त बिहार बनाने का संदेश दिया.
बिहार के स्थापना दिवस पर क्या बोले प्राचार्य
इस मौके पर प्रभारी प्रधानाध्यापक जितेंद्र शर्मा और शिक्षक सुनील कुमार ने कहा कि एकता, सामाजिक समरसता, सद्भाव हमारी विरासत व पहचान है, शृंखला बनाकर यहीं संदेश देने का प्रयास किया गया. बिहार विश्व प्रसिद्ध ज्ञान स्थल नालंदा विश्वविद्यालय, चंद्रगुप्त मौर्य, चाणक्य, सम्राट अशोक, आर्यभट्ट की भूमि है. भगवान तथागत बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति, भगवान महावीर का जन्म, ज्ञान की प्राप्ति व महापरिनिर्वाण यही हुआ. सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह महाराज का जन्म यही हुआ. देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद बिहार से रहे. बिहार ऐतिहासिक, आध्यात्मिक, पौराणिक, पर्यटन आदि के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है. यह भारत का कंठहार है.
ये रहे मौजूद
मौके पर प्रभारी प्रधानाध्यापक जितेंद्र कुमार शर्मा, सुभाष भारती, सुनील कुमार, गुड़िया कुमारी, सृष्टि केसरी, राजीव कुमार, हरेंद्र प्रसाद, राघवेंद्र प्रताप सिंह, करुणाशंकर दुबे, शशि प्रसाद तिवारी, रंजन पासवान, रश्मि कुमारी, अमीषा मयूरी, अनीता कुमारी, ममता कुमारी, सिम्पी कुमारी, निष्ठा कुमारी, बाल संसद के सदस्यों आदि उपस्थित रहे.
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